मुंबई : समाचार ऑनलाइन – वो कहते है न किस्मत किस इंशान को कहां लेकर चले जाये कोई नहीं जनता। मुंबई की तरफ से रणजी खेल चुके और अंडर-19 टीम का हिस्सा रह चुके सौरभ जब पढाई के लिए मुंबई से न्यूयॉर्क पहुंचे तब वो अपने साथ कोई भी क्रिकेट किट लेकर नहीं गए थे। लेकिन तब सौरभ को नहीं मालूम था कि उनके किस्मत में कुछ और लिखा है और जल्दी ही उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आने वाला है।
सौरभ ने यूनिवर्सिटी में ही क्रिकेट खेलना शुरू किया। फिर कई क्लब मैचों में भी शामिल हुए। इसी दौरान सैन फ्रांसिस्को में उन्हें ओरेकल कंपनी में नौकरी मिल गई। साल 2018 में आईसीसी द्वारा किए गए नियम में बदलाव के बाद सौरभ यूएसए की टीम की तरफ से खेलने के लिए योग्य हो गए। नियम के मुताबिक, यूएसए की टीम में शामिल होने के लिए वहां पर तीन साल रहना अनिवार्य है। जल्दी ही सौरभ ने यूएसए क्रिकेट टीम के कोच को अपने प्रदर्शन से खुश करने में कामयाब रहे और उसकी के साथ उसी साल उन्हें यूएसए की टीम में शामिल कर लिया गया। वर्ल्ड क्रिकेट लीग से पहले अपने दमदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें टीम की कप्तानी सौंप दी गई।
सौरभ बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। वे 2010 में खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। उस दौरान इन्होंने टूर्नामेंट में 6 मैच में सबसे अधिक विकेट झटके थे। सौरभ ने इसके बाद मुंबई के लिए कूच बेहार ट्रॉफी और रणजी में भी हिस्सा लिया।