दिल्ली हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र के बेतुके बोल,  अहिंसा और प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करे भारत  

संयुक्त राष्ट्र. ऑनलाइन टीम : दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन मंगलवार को जो कुछ भी हुआ, वह देश को शर्मसार करने वाला रहा। पिछले कई दिनों से किसानों के प्रदर्शन और ट्रैक्टर परेड के दौरान जमकर हिंसा हुई। लाल किले के प्राचीर तक आंदोलन पहुंच गए और पुलिस द्वारा दिए गए शर्तों की धज्जियां उड़ा दीं। पूरा देश इसका विरोध  कर रहा है, पर संयुक्त राष्ट्र का बयान चौंकानेवाला है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत सरकार शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन, लोगों के जमा होने की स्वतंत्रता और अहिंसा का सम्मान करे। प्रवक्ता का यह बयान देश को कचोटने वाला रहा कि  लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें यह करने देना चाहिए। चर्चा आम है कि क्या यह सार्वकालिक अक्षम्य अपराध नहीं हुआ। जिस लाल किलों के प्राचीर पर देश का तिरंगा लहराता है, वहां किसी और झंडे का फहराया जाना कैसे तर्कसंगत और देश के गले के नीचे उतरने वाला हो सकता है। लिहाजा, संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता पर भारत ने कड़ा आक्षेप जताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने  कहा  कि इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों। बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाए।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के मामले में अलग-अलग थानों में देर रात तक 15 FIR दर्ज की हैं। इसमें बलवा समेत तोड़फोड़ और पुलिसकर्मी की पिस्टल लूट जैसे मामले शामिल हैं।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकाल रहे किसानों ने दिल्ली  जंग का मैदान बनाकर दंग कर दिया था। हिसंका यह आलम था कि  पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई, बसों और गाड़ियों में तोड़फोड़ के अलावा किसानों ने लाल किले पर अपना झंडा लगा दिया।