पानी बिल में दरवृद्धि का संकट कायम

पिंपरी। सँवाददाता – पानी के ज्यादा इस्तेमाल पर लगाम कसने और आयवृद्धि के उद्देश्य से पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने पानीपट्टी (वॉटर बिल) की दरों में भारी वृद्धि सुझाई है। स्थायी समिति ने इस करवृद्धि के प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया था। इससे शहरवासियों को बड़ी राहत मिली। मगर इसके बावजूद पानीपट्टी में दरवृद्धि का संकट बराबर मंडरा रहा है। क्योंकि बीते दिन मनपा की आम सभा में दरवृद्धि का यह प्रस्ताव स्थगित रखा है। गौरतलब हो कि शहर में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है, इस कटौती के चलते दरवृद्धि करने को लेकर शहरवासियों और विपक्षी दलों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
समन्यायी जल वितरण के लिए ज्यादा पानी इस्तेमाल पर नियंत्रण लाने के लिए मनपा आयुक्त ने पानीपट्टी में दरवृद्धि प्रस्तावित की है। इसके अलावा हर साल सभी प्रकार की दरों में पांच फीसदी वृद्धि भी प्रस्तावित की गई है। दरवृद्धि के प्रस्ताव में छह हजार लीटर पानी मुफ्त देने की बात कही गई है। हालांकि उससे ज्यादा यानी 6 से 15 हजार लीटर पानी इस्तेमाल पर आठ रुपये, 15 से 20 हजार लीटर तक पानी इस्तेमाल के लिए 40 और 20 हजार लीटर से ज्यादा पानी के इस्तेमाल के लिए 100 रुपए दर निश्चित किये गए हैं। व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए 55 रुपये का दर पानीपट्टी के लिए तय किया गया है।
इसके अलावा निजी शैक्षिक संस्थानों, होस्टल, सरकारी, अर्ध सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों, ईएसआईसी हॉस्पिटल, ऑटो क्ल्स्टर, औंध हॉस्पिटल आदि को प्रति हजार लीटर के लिए 17 रुपए का दर सुझाया गया है। धार्मिक स्थलों, अनाथाश्रम, वृध्दाश्रमों के लिए 11 रुपये, स्टेडीयम के लिए 22 रुपये, मनपा इमारतों को 11 रुपये, देहुरोड कँन्टोन्मेंट बोर्ड के लिए 11 रुपये दर सुझाई गई है। इस दरवृद्धि से 35 करोड़ रुपए की आयवृद्धि की उम्मीद थी। इसका प्रस्ताव स्थायी समिति ने खारिज कर दिया था। मगर मनपा की आम सभा में सत्तादल भाजपा ने दरवृद्धि का यह प्रस्ताव स्थगित रखा है। फिलहाल शहर में एक दिन छोड़ कर जलापूर्ति की जा रही है। लोगों की शिकायत अभी कम नहीं हुई हैं। नियमित और पर्याप्त दाब से जलापूर्ति करने के बाद ही पानीपट्टी में वृद्धि करने का विचार करने की मांग की जा रही है।