वॉटर बिल और पुरानी संपत्तियों के टैक्स में बढ़ोतरी अटल

पिंपरी। सँवाददाता – हिंगणघाट की घटना का शिकार बनी युवती को श्रद्धांजलि अर्पित करने के प्रस्ताव पर मचे हंगामे के चलते बीती शाम पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सर्वसाधारण सभा स्थगित कर दी गई। इस स्थगन से शहर की पुरानी संपत्तियों के संपत्ति कर में ढाई गुनी बढ़ोतरी के साथ ही पानीपट्टी (वॉटर टैक्स) में वृद्धि अटल मानी जा रही है। मनपा अधिनियम के तहत मनपा के टैक्स की दरों को तय करने का फैसला 20 फरवरी तक होना जरूरी है। अब जबकि यह सभा स्थगित कर दी गई है तब मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर टैक्स वृद्धि के अपने फैसले की अमलबाजी कर सकते हैं।
ज्ञातव्य हो नए वित्त वर्ष का बजट पेश करते वक्त मनपा आयुक्त हार्डिकर ने शहर की 2007 से पूर्व की संपत्तियों के करयोग्य मूल्य में ढाई गुना तक बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। तब उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि अगर सर्वसाधारण सभा में करवृद्धि का प्रस्ताव खारिज भी किया गया तो भी वे अपने अधिकारों में करवृद्धि की अमलबाजी करेंगे। फरवरी माह की सभा में पुरानी संपत्तियों की करवृद्धि और पानी बिल में भी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर फैसला होना है। अब जबकि कल की सभा हंगामे की वजह से स्थगित कर दी गई, तब करवृद्धि अटल मानी जा रही है। माना जा रहा है कि मनपा अधिनियम के नियमों की आड़ में खुद सत्तादल भाजपा ने सभा स्थगित रखने की चाल चली ताकि हंगामे का ठीकरा विपक्षी दलों पर फोड़ा जा सके और मनपा आयुक्त करवृद्धि की अमलबाजी कर सके।
पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त ने शहर में 2007 से पूर्व की संपत्तियों के संपत्ति कर में दो से ढाई गुना बढ़ाने का फैसला किया है। एक अप्रैल से इस फ़ैसले की अमलबाजी करने की घोषणा उन्होंने की है। शहर में आज की तारीख में पांच लाख 25 हजार संपत्ति है। इसमें 2007 से पूर्व की दो लाख 32 हजार संपत्तियां शामिल हैं। इसमें एक लाख 89 हजार रिहायशी, 26 हजार ग़ैररिहायशी, 8 हजार 500 संमिश्र, चार हजार औद्योगिक व अन्य संपत्तियां शामिल है। पुरानी व नई संपत्तियों के करयोग्य मूल्य में काफी अंतर है क्योंकि अब तक जो करयोग्य मूल्य बढ़ाये गए हैं वह नई संपत्तियों के लिए ही बढ़ाई गई है। इसमें सूसूत्रता लाने के लिए मनपा आयुक्त श्रावण हर्डीकर ने नए वित्त वर्ष के बजट में 2007 के पहले की दो लाख 32 हजार संपत्तियों के करयोग्य मूल्य में दो से ढाई गुना बढ़ोतरी सुझाई है। इस कर वृद्धि का राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है।