शेयर बाजारों में लौटी तेजी

मुंबई, 14 सितंबर (आईएएनएस)| बीते सप्ताह शेयर बाजारों में अच्छी तेजी दर्ज की गई, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती, अमेरिका-चीन के बीच व्यापार बातचीत में प्रगति के संकेत का प्रमुख योगदान रहा। साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 403.22 अंकों या 1.09 फीसदी की तेजी के साथ 37,384.99 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 129.70 अंकों या 1.18 फीसदी की तेजी के साथ 11,075.90 पर बंद हुआ।

बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 300.96 अंकों या 2.25 फीसदी की तेजी आई और यह 13,665.59 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 418.46 अंकों या 3.32 फीसदी की तेजी के साथ 13,013.05 पर बंद हुआ।

सोमवार को शेयर बाजारों के शुरुआती कारोबार में गिरावट देखने को मिली, लेकिन कारोबार बंद होने तक तेजी लौट आई और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच सेंसेक्स 163.68 अंकों या 0.44 फीसदी की तेजी के साथ 37,145.45 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 56.85 अंकों या 0.52 फीसदी तेजी के साथ 11,003.05 पर बंद हुआ।

मंगलवार को मुर्हरम के अवसर पर घरेलू शेयर बाजार बंद रहे।

बुधवार को भी शेयर बाजारों में अच्छी तेजी रही और सेंसेक्स 125.37 अंकों या 0.34 फीसदी के साथ 37,270.82 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 32.65 अंकों या 0.30 फीसदी की तेजी के साथ 11,035.70 पर बंद हुआ।

गुरुवार को बाजार में गिरावट रही और सेंसेक्स 166.54 अंकों या 0.45 फीसदी की गिरावट के साथ 37,104.28 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 54.65 अंकों या 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 10,981.05 पर बंद हुआ।

शुक्रवार को शेयर बाजार में उतारचढ़ाव का दौर रहा और सेंसेक्स 280.71 अंकों या 0.76 फीसदी की तेजी के साथ 37,384.99 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 93.10 अंकों या 0.85 फीसदी की तेजी के साथ 11,075.90 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – टाटा मोटर्स डीवीआर (8.65 फीसदी), टाटा मोटर्स (6.98 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (6.48 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (5.56 फीसदी) और वेदांत (5.26 फीसदी)।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – एचसीएल टेक (2.93 फीसदी), टीसीएस (2.56 फीसदी), एनटीपीसी (2.32 फीसदी), भारती एयरटेल (1.85 फीसदी) और टेक महिंद्रा (1.72 फीसदी)।

इस दौरान, उपभोग में आई गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था के मंदी के शिकार होने के कारण देश के वाहन उद्योग को पिछले 21 सालों में सबसे कम बिक्री का सामना करना पड़ रहा है और अगस्त में 1997-98 के बाद सबसे कम बिक्री दर्ज की गई है।

घरेलू बाजार में अगस्त में वाहनों की बिक्री में 23.55 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ऐसी गिरावट इससे पहले साल 2000 के दिसंबर में देखने को मिली, जब बिक्री में 21.81 फीसदी की गिरावट आई थी।

पिछले दस महीनों से वाहन उद्योग की बिक्री में गिरावट जारी है, जिसका प्रमुख कारण जीएसटी की उच्च दरों के साथ तरलता का संकट है।

वाहन उद्योग को जुलाई में 18.71 फीसदी गिरावट का सामना करना पड़ा था, जो पिछले 19 सालों में सबसे बड़ी गिरावट थी।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्च र्स (सियाम) द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में वाहनों की बिक्री में 23.55 फीसदी की गिरावट आई और कुल 18,21,490 वाहनों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल इसी महीने में कुल 23,82,436 वाहनों की बिक्री हुई थी।

समीक्षाधीन माह में यात्री कारों की बिक्री में 41.09 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और कुल 1,15,957 वाहनों की बिक्री हुई, जबकि अगस्त 2018 में 1,96,847 वाहनों की बिक्री हुई थी।

यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में अगस्त में 2.20 फीसदी की गिरावट आई, वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 38.71 फीसदी, तिपहिया वाहनों की बिक्री में 6.93 फीसदी और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 22.24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।