भाजपा में पद नहीं मिलने से इनकमिंग नगरसेवकों को होने लगा है अफसोस

शिवाजीनगर, 18 नवंबर – पुणे मनपा में पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है. बहुमत मिलने के बाद मनपा में लगभग सभी महत्वपूर्ण पद भाजपा के पास हैं. ऐसे में महत्वपूर्ण पदों पर भाजपा द्वारा बार-बार मूल भाजपाई नगरसेवकों को ही मौका दिए जाने से अन्य नगरसेवकों की नाराजगी काफी बढ़ गई है. मनपा चुनाव से पहले विभिन्न पदों की लालच देकर भाजपा में प्रवेश कराने हेतु जिन नगरसेवकों को मजबूर किया था. वे नगरसेवक भाजपा के रवैये पर खुलेआम नाराजगी दिखा रहे हैं.

पुणे मनपा के चुनाव के दौरान वर्ष 2017 में अन्य दलों के नगरसेवक तथा कार्यकर्ताओं को भाजपा ने मौका दिया था. कुछ नगरसेवक भाजपा में प्रवेश करने तैयार नहीं थे, तब उन्हें विभिन्न पदों का आश्वासन देकर भाजपा में लाया गया था. भाजपा द्वारा मनसे, एनसीपी और कांग्रेस के कई नगरसेवकों को भाजपा में प्रवेश दिलाया था. इसी के कारण भाजपा को मनपा में आसानी से बहुमत मिलने से उनकी सदस्य संख्या 99 पर पहुंच गई है. इनकमिंग करने वाले नगरसेवक पहले ढाई वर्ष तक चुप थे, उन्हें लगा था कि बाद में मौका मिल जाएगा. पहले ढाई वर्ष में सत्ताधारी भाजपा द्वारा सभी महत्वपूर्ण पदों पर मूल भाजपाइयों को ही मौका दिया. जिससे भाजपा में अन्य दलों से आए नगरसेवकों को केवल साधारण सभा में उपस्थित रहकर मतदान के लिए हाथ उठाने के अलावा कोई जिम्मेदारी नहीं थी.

ढाई वर्ष बाद मनपा में लगभग सभी महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव शुरू हो गए थे. इस बार पक्का मौका मिलेगा, इस आशा में होने वाले नगरसेवकों के हाथों फिर से निराशा ही आयी. भाजपा द्वारा महापौर पद के मुरलीधर मोहोल का नाम फाइनल किया गया. महापौर पद ओपन होने से इस पद के लिए इच्छुकों की लंबी चौड़ी सूची थी. जिसमें अन्य दलों से भाजपा में इनकमिंग करने वाले नगरसेवकों की संख्या भी काफी ज्यादा थी. उनमें से किसी को पद दिलाने हेतु भाजपा के कुछ नेताओं ने फील्डिंग भी लगाई थी, लेकिन उनके हाथों भी निराशा ही आयी.