सामाजिक जागरूकता का यह कारवां भी नहीं रुकेगा। बता दे कि एक साल पूर्व गोगरी के ही उसरी के लोगों ने कटिहारी भोज नहीं खाने का निर्णय लिया था। यह परंपरा अब भी वहां जारी है। कुल मिलकर यह सामाजिक बदलाव की ओर इशारा का रहा है।
दो दिन पूर्व ग्रामीणों ने की थी बैठक मृत्युभोज से मुक्त की कसमसाहट रामपुर के लोगों को काफी पहले से चल रही थी। मंगलवार की रात रामपुर मुखिया की अगुवाई में ग्रामीणों की बैठक भी हुई। बैठक में यह बताया गया कि मृत्युभोज समाज में फैली कुरूति है। यह समाज के लिए अभिशाप है। मुखिया यादव ने कहा कि किसी भी धर्मग्रंथ में मृत्युभोज का विधान नहीं है।
इस मौके पर मृत्युभोज बहिष्कार करने का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव को ग्रामीणों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। ग्रामीण धर्मेंद्र कुमार यादव, भूदेव सहनी, रणवीर यादव, प्रसादी सहनी, सुरेश साह, डॉ. दिलीप कुमार, संतोष कुमार आदि ने कहा कि रामपुर गांव में आज से मृत्युभोज पर पांबदी रहेगी।