बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी से पूछा ‘क्या तुम उस लड़की से शादी करोगे?’

जब एक सरकारी कर्मचारी बलात्कार के आरोप में गिरफ्तारी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट गया, तब कोर्ट ने आरोपी से पूछा कि क्या वो उस लड़की से शादी करेगा? अदालत में महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (MSEPC) में एक टेक्नीशियन के रूप में काम करने वाले  मोहिम सुभाष चव्हाण द्वारा दायर किए गए जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। उसके ऊपर छात्रा के साथ बलात्कार करने के जुर्म में पोस्को के तहत मामला दर्ज किया गया है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि वह अपनी सरकारी नौकरी खो सकता है। इस पर मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे ने कहा कि यदि तुम शादी करने वाले हो, तो हम मदद कर सकते हैं। अगर नहीं तो तुम्हारी नौकरी भी जाएगी और तुम्हे जेल भी जाना पड़ेगा। लड़की का बलात्कार करने से पहले तुम्हें इस बारे में सोचना चाहिए था।

मुख्य न्यायाधीश ने आरोपी से पूछा, “क्या तुम उससे शादी करोगे?” आरोपी के वकील ने जवाब दिया, “हम इस पर निर्देश लेंगे” इस पर, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लड़की को प्रताड़ित करने और बलात्कार करने से पहले इस पर विचार किया जाना चाहिए था। आप जानते थे कि आप एक सरकारी कर्मचारी हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि हम आपको शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं। लेकिन अगर आप ऐसा करने के लिए तैयार हैं, तो ही हमें बताएं। नहीं तो आप कहेंगे कि हम आपको मजबूर कर रहे हैं।

इस पर आरोपी के वकील ने कहा कि वह इस बारे में चर्चा कर फैसले की जानकारी देंगे। आरोपी ने कहा कि पहले मैं शादी करना चाहता था, लेकिन उसने मना कर दिया। अब जब मैं शादीशुदा हूँ, तो मैं शादी नहीं कर सकता। उसने आगे कहा कि मामला अभी भी लंबित है और आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं। मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं और अगर मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मैं खुद ही निलंबित हो जाऊंगा।

जज ने कहा कि इसीलिए हमने तुम्हें यह विकल्प दिया है। हम गिरफ्तारी को चार सप्ताह के लिए टाल रहे हैं। उसके बाद तुम नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सकते हो। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को गिरफ्तारी से बचा लिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।