सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन अपराधियों को आजीवन कारावास

 पुणे – सात साल पहले पुणे के कासुर्डी टोल नाका पर हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले के तीन अपराधियों को जिला तथा सत्र न्यायाधीश आर. आर. राठी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अशोक आत्माराम येड़के, गणेश सुभाष वैरागे, गौरव उर्फ गौर्या गंडप्पा जमादार इन तीनों को सजा सुनाई गई है। तीनों पुणे के दौंड़ तहसील स्थित खामगांव फाटा परिसर में रहते है। तीनों को सामूहिक दुष्कर्म, लूट, मारपीट इन सभी अपराधों के लिए सजा सुनाई गई है।

बता दें कि वर्ष 2012 में कासुर्डी टोल नाका के पास पुलिस होने का बताकर तीनों ने एक ट्रक रोककर उसमें बैठी हुईं महिला समेत उसके पति और बच्चों से मारपीट की। उसके बाद तीनों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उक्त ट्रक सोलापुर से पनवेल की ओर निकला हुआ था। घटना को लेकर यवत पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले मंे 13 गवाह जांचें गए। पुलिस द्वारा की गई जांच, हासिल किए गए सबूतों के आधार पर न्यायालय ने तीनांे को दुष्कर्म के लिए आजीवन कारावास और दस हजार रूपए जुर्माना, लूट के लिए आजीवन कारावास और दस हजार रूपए जुर्माना, अपहरण के तहत सात साल सश्रम कारावास, धारा 366 के तहत दस साल सश्रम कारावास और सात हजार रूपए जुर्माना तथा धमकाने के तहत सात साल सश्रम कारावास एेसी सजा सुनाई गई है। उक्त सभी सजाएं एकत्रित भुगतनी है। साथ ही पीड़ित महिला को जिला पीड़ित महिला मदद केन्द्र द्वारा नुकसान भरपाई देने का आदेश भी न्यायालय ने दिया है।