Lockdown में नियमों को ताक पर रख कर की गई शादियाँ होगी अवैध, नहीं मिलेगा मैरिज सर्टिफिकेट; बड़ा फैसला

उज्जैन: ऑनलाइन टीम- कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को फैलने से रोकने के लिए देश के अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। फिर भी कई जगहों पर लॉकडाउन के दौरान लोग नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर बड़ी संख्या में एक साथ आकर शादी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा अधिक हो रहा है। नियमों को ताक पर रखकर होने वाली शादियों को अब अवैध ठहराने का निर्णय मध्य प्रदेश में लिया गया है।

मध्य प्रदेश में इस बात का खुलासा हुआ है कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर कई शादियाँ हुई है। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने इस तरह के विवाह समारोह आयोजित कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। नियमों का उल्लंघन कर किए गए विवाह को अवैध घोषित करने का निर्णय लिया गया है और इन जोड़ो को विवाह प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।

मध्य प्रदेश में  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने मई में विवाह समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था। फिर भी लोगों ने नियम तोड़े और शादी का जश्न मनाया। 30 दिन से कम समय में लगभग 30 लोगों पर मामला दर्ज करने की जानकारी गृह विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया को दी।

जिलाधिकारी ने विवाह पंजीयक कार्यालय को निर्देश दिया है कि प्रतिबंध के दौरान विवाह करने वाले जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र जारी न करें। अन्यथा कार्रवाई का सामना करना पडेगा। भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करने पर अधिकारियों के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर कम से कम 130 शादियां गुपचुप तरीके से की गईं।

उज्जैन के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने मीडिया को बताया कि बड़ी संख्या में शादियां गुपचुप तरीके से कराई गईं। इसे लेकर सजा का कोई प्रावधान नहीं था इसलिए लोग बिना किसी झिझक के विवाह समारोह कर रहे हैं। ऐसे सभी गुप्त विवाहों को अब अवैध घोषित कर दिया जाएगा और जोड़े के साथ उनके परिवारों और शादी कराने वाले पंडित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ऐसा आशीष सिंह ने कहा।

ग्वालियर के जिलाधिकारी के. वी सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि डबरा गांव में 20 प्रतिशत ग्रामीण एक शादी समारोह के दौरान इस संक्रमित हुए थे। इसलिए यह फैसला लिया गया है। यह फैसला लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लिया गया है, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया।

इस बीच,कुछ जिलों में संक्रमण का प्रमाण कम होने के कारण  राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों में प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन से सलाह मशविरा करने के बाद जिला आपदा समिति ने पांच जिलों झाबुआ, अलीराजपुर, बुरहानपुर, भिंड और खंडवा में पाबंदियों में ढील देने का फैसला किया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन जगहों से मिलनेवाले फीडबैक के आधार पर 1 जून के बाद राज्य के अन्य जिलों के बारे में निर्णॅय लिया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 18 मई को राज्य के सभी 52 जिलों में अलग-अलग अवधि के लिए कोरोना कर्फ्यू बढ़ा दिया था। इंदौर औद्योगिक केंद्र में 29 मई की रात तक कोरोना कर्फ्यू लागू है।