बिल के लिए कोरोनाग्रस्त मृतक का शव 3 दिन तक रोके रखने के मामले में 

तलेगांव के मायमर कॉलेज के खिलाफ दर्ज होगा मामला
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिए आदेश; सांसद श्रीरंग बारणे की जानकारी
पिंपरी। बिल चुकाने में असमर्थ एक बेटे को उसके कोरोना ग्रस्त मृत पिता का शव देने से मना करने और शव को तीन दिन तक कोल्ड स्टोरेज में रोके रखने के मामले को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने गंभीरता से लिया है। जबकि मृतक के घरवालों ने महात्मा फुले स्वास्थ्य योजना के लिए आवेदन भी दिया था। इस मामले में तलेगांव दाभाड़े स्थित मायमर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश उपमुख्यमंत्री ने दिए हैं। इसकी जानकारी यह मामला सामने लानेे वाले मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारणे ने दी है।
तलेगांव दाभाडे के मायमर मेडिकल कॉलेज में 200 बेड का कोविड हॉस्पिटल शुरू किया गया है। यहां गणेश लोके नामक मरीज की कोरोना से मृत्यू हो गई। हालांकि उनके इलाज का बिल नहीं चुकाए जाने के कारण कॉलेज प्रशासन ने उनका शव देने से मना कर दिया। उनके घरवाले पैसों का इंतजाम करने में जुटे थे। इस बीच लोके के पुत्र सुधीर ने सांसद श्रीरंग बारणे से मुलाकात की और बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं रहने से उनके पिता का शव तीन दिन से कोल्ड स्टोरेज में रखे जाने की शिकायत की। इस पर आक्रोशित सांसद बारणे ने कॉलेज की प्रमुख डॉ. सुचित्रा नांगरे को फटकार लगाई। साथ ही कोरोनाग्रस्त मृतक का मृतदेह पैसों के तीन दिन तक रोके रखने को लेकर जवाब मांगा। गणेश लोके के घर के चार सदस्य कोरोना पॉजिटिव है, उनका बेटा भी पॉजिटिव है और फिर भी वह पैसों के इंतजाम के लिए यहां-वहां भागदौड़ कर रहा है। उनकी फटकार के बाद कॉलेज प्रशासन ने लोके का मृतदेह उनके परिजनों को सौंपने की तैयारी दर्शाई।
शुक्रवार को पुणे जिले में कोरोना का जायजा लेने पहुंचे उपमुख्यमंत्री एवं जिले के पालकमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें सांसद श्रीरंग बारणे ने पवार को इस गंभीर घटना से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस पर पवार ने प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने और मामला दर्ज करने के आदेश दिए। सांसद बारणे ने बैठक में एक और खुलासा किया। आज समीक्षा बैठक रहने से राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कल ही सुधीर लोके, जोकि क्वारंटाइन है, के पास जाकर खुद उसका बयान लिखकर उसके हस्ताक्षर लिए। जबकि क्वारंटाइन में रहे कोरोना के संदिग्ध मरीज से इस तरह मिला नहीं जा सकता। केवल आज उपमुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक है, इसलिए एक दिन पहले ही उसका बयान खुद लिखकर उस पर उसके हस्ताक्षर लेने की बात पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।