नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन- भारतीय रेलवे अपनी सेवाओं में सुधार करने, आय में वृद्धि और पैसेंजरों को अच्छी सेवाएँ देने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहता है. इसी उद्देश्य से रेलवे ने अपनी आय में वृद्धि को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है. यह निर्णय मालभाड़े को लेकर किया गया है. जी हां, रेलवे अब मालभाड़े में बड़ी रियायतें देने जा रहा है, जिससे व्यापारी माल ढुलाई के लिए मालगाड़ी को प्राथमिकता देंगे. फलस्वरूप कम मालभाड़ा लगने से व्यापारियों को तो लाभ होगा ही साथ ही मालगाड़ी की मांग बढने से रेलवे की भी आमदनी बढ़ेगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधि बढाने के लिये रेलवे ने मालभाड़े में रियायत देने की शुरुआत दी है.
मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने 1 अक्टूबर से 30 जून के दौरान लगने वाले 15 फीसदी बिजी सीजन चार्ज को आयरन और पेट्रोलियम को छोड़ सभी कमोडिटीज पर खत्म कर दिया है.
आर्थिक गतिविधि बढाने के लिये रेलवे द्वारा मालभाड़े में रियायत देना शुरु किया गया है।
ऑयरन व पेट्रोलियम को छोड़ अन्य सभी कमोडिटीज पर 15% बिजी सीजन चार्ज समाप्त करने, व सभी कमोडिटीज पर मालभाड़ा घटाने जैसे अनेकों कदम उठाये गये हैं। देश की प्रगति हेतु रेलवे लगातार कदम उठाता रहेगा। pic.twitter.com/aZG2TkqqwN
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 21, 2019
कंटेनर ट्रैफ़िक पर राउंड ट्रिप शुल्क की घोषणा –
रेलवे ने खाली कंटेनर और बोगियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के 25 प्रतिशत की छूट की घोषणा की है. रेलवे का मानना है कि यह कदम अन्य परिवहन माध्यमों की तुलना में रेलवे को अधिक आकर्षक बना देगा.
रेलवे ने विभिन्न वस्तुओं के लिए माल भाड़े में कटौती की है, जिसमें कमोडिटीज के कंटेनर क्लास रेट और फ्रेट ऑल काइंड शामिल है.
रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए एक रुपया क्लिनिक के डॉक्टरों व रेलवे स्टाफ की सहायता से आज मुंबई में नेरुल से पनवेल की यात्रा के दौरान एक महिला ने शिशु को जन्म दिया।
रेलवे का एक रुपया क्लीनिक सफर के दौरान यात्रियों का मददगार रहा है, और अनेकों बार इसने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। pic.twitter.com/8v9mhvBglP
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 21, 2019
बता दे कि इससे पहले, सरकार द्वारा डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर बनाने की घोषणा की गई थी, जिसका कार्य अभी प्रगति पर है. इसके तैयार हो जाने के बाद फ्रेट कॉरीडोर से मालगाड़ियों की स्पीड में इजाफा होगा, साथ ही दिल्ली-हावड़ा रेलट्रैक पर भी मेल, एक्सप्रेस एवं सुपरफास्ट ट्रेनों की गति में सुधार आएगा. फ्रेट कॉरीडोर के निर्माण से देश की इकोनॉमी में भी सुधार होगा. वर्ष 2022 तक दिल्ली से हावड़ा तक कॉरीडोर का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है.
भारतीय रेलवे प्रशासन के मुताबिक इस कॉरीडोर से मालगाड़ियों की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो जाएगी. फलस्वरूप रेल के मालभाड़े में वृद्धि होगी, जिससे दिल्ली-हावड़ा रेलखंड पर मेल, एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों के सामयिक संचालन सुधार आएगा.
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