मुंबई, 21 नवंबर बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक के कार्य की साधन सामग्री के लिए जुहू किनारे के भरती-ओहोटी क्षेत्र में कच्ची सड़क के बजाय पक्की सड़क बनाई जाने की शिकायत पर्यावरणप्रेमियों ने की है। लेकिन महाराष्ट्र रोड डेवलपमेंट बोर्ड का दावा है कि यह सड़क तात्कालिक है।
बांद्रा से वर्सोवा के बीच 9 किलोमीटर लंबी सी लिंक के कार्य की पिछले नवंबर महीने में शुरुरात हुई थी। शुरुआत में सी लिंक के बांद्रा के जमीन पर पाइलिंग का काम किया गया। फ़िलहाल वर्सोवा में जुहू कोलीवाड़ा के पास समुंद्री कार्य के लिए साधनसामग्री लाने के लिए सड़क बनाने का काम चल रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ता झोरु भथेना ने इस कार्य पर इतराज जताया है।
उन्होंने कहा है कि सी लिंक की परमिशन में भराव करना या समुंद्री किनारे में सड़क बनाना शामिल नहीं है। इसलिए यह काम समुंद्री किनारा नियमन क्षेत्र का उल्लंघन है। इस संबंध में लिखित शिकायत राज्य पर्यावरण मंत्रालय, मनपा, जिलाधिकारी और पुलिस से की गई है। उन्होंने कहा है कि ऐसे कार्यों के लिए सड़क बनाने के बजाय रैंप का इस्तेमाल करने के निर्देश होने के बावजूद सड़क बनाया जा रहा है।
वही एमआईडीसी के अधिकारियों ने बताया कि इस सड़क का काम तात्कालिक रूप से किया जा रहा है। फीलिंग और स्टील की जालियों का इस्तेमाल पत्थरों को बांधकर रखने के लिए किया गया है। इससे समुंद्री किनारों को नुकसान नहीं पहुंचेगा . काम समाप्त होने के बाद इस जगह को पूर्ववत कर दिया जाएगा। वही भथेना ने कहा है कि इस शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह कोर्ट जाएंगे। तीन साल पहले सी लिंक कास्टिंग यार्ड को लेकर भी भथेना ने कोर्ट में लड़ाई लड़ी है। उस वक़्त बोर्ड ने कास्टिंग यार्ड सीधे जुहू बीच पर प्रस्तावित किया था। आखिर में उसे यह विकल्प छोड़ना पड़ा।