पुणे : समाचार ऑनलाईन – विद्यार्थियों को विश्व स्तर के कौशल पर आधारित व प्रत्यक्ष अनुभव की शिक्षा देने हेतु आईआईएमबीएक्स बी-स्कूल पार्टनरशिप प्रोग्रामफ उपयुक्त होगा। आज के डिजिटल, इंडस्ट्री 4.0 के दौर में विद्यार्थियों व प्राध्यापकों को अभिनव शिक्षा लेना जरूरी है। अपनी गुणवत्ता साबित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। विद्यार्थियों सहित प्राध्यापकों के लिए भी यह प्रोग्राम उपयुक्त रहेगा। यह राय आईआईएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट), बेंगलुरु के डिजिटल लर्निंग सेंटर के प्रमुख प्रा. डॉ. पी.डी. जोस ने व्यक्त की। सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के सूर्यदत्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में आईआईएम बेंगलुरु के सहयोग से चल रहे आईआईएमबीएक्स बी-स्कूल पार्टनरशिप प्रोग्राम का उद्घाटन करते हुए वे बोल रहे थे।
इस अवसर पर स्ट्रैटजिक फोरसाइट ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार सचिन इटकर, सूर्यदत्ता ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय चोरड़िया, उपाध्यक्षा सुषमा चोरड़िया, टाटा (टैको) ग्रुप के प्रबंध निदेशक अरविंद गोयल, निदेशक शैलेंद्र कासंडे, निदेशक (जनसंपर्क) कैप्टन शालिनी नायर, कार्यकारी निदेशक अक्षित कुशल, सिद्धांत चोरड़िया आदि उपस्थित थे। इस दौरान सूर्यदत्ता व आईआईएमबीएक्स बेंगलुरु के बीच इस संबंध में समझौता हुआ। इस प्रोग्राम के अंतर्गत एमबीए व पीजीडीएम विद्यार्थियों का ज्ञान व कौशल बढ़ाने हेतु वैश्विक स्तर की शिक्षा दी जाएगी। इसमें शामिल होने वाले विद्यार्थियों को आईआईएमबीएक्स बेंगलुरु द्वारा प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
डॉ। पी।डी। जोस ने कहा कि इस उपक्रम के जरिए विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के स्किल्स विकसित होंगे। ङ्गआईआईएमफ एशिया की अग्रणी प्रबंधन संस्था है। हाल ही में हुए सर्वे में आईआईएम बेंगलुरु को पहला रैंक प्राप्त हुआ है। यहां स्नातक, स्नातकोत्तर व डिप्लोमा पाठ्यक्रम के साथ पोस्ट डॉक्टरल शिक्षा भी उपलब्ध है। सूर्यदत्ता से हुए करार के जरिए पुणे के विद्यार्थी व प्राध्यापक लाभान्वित होंगे। डॉ. संजय चोरड़िया ने कहा कि भारत में मैनेजमेंट शिक्षा देने वाली 4 हजार से भी अधिक संस्थाएं कार्यरत हैं। वैश्विक दर्जे की शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु सूर्यदत्ता इंस्टीट्यूट हमेशा अग्रणी रहा है। ऐसी वैश्विक दर्जे की संस्था के साथ सूर्यदत्ता ग्रुप का करार होना संस्था के लिए गौरव की बात है। इसके जरिए विद्यार्थियों का इंडस्ट्रियल व टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट होगा और उन्हें आधुनिक शिक्षा मिलेगी। साथ ही उद्योगों के लिए जरूरी कुशल मैन पॉवर का निर्माण भी होगा।