संभाल नहीं सकती तो गोद दे दी बेटी और रचा अपहरण का ड्रामा

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  मजदूरी करनेवाली मां ने अपने सातवें बच्चे को एक निःसन्तान दंपति को गोद दे दिया और पति की मार से बचने के लिए उसके अपहरण का ड्रामा रचा। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह अपने बच्चों को संभाल नहीं सकती थी। हालांकि उसकी चालाकी पुणे लोहमार्ग पुलिस की आंखों से बच न सकी और उसके पूरे ड्रामे का पर्दाफाश कर दिया।
लक्ष्मी राजू उर्फ बालू चव्हाण (35, निवासी जेजुरी रेल्वे स्टेशन, मूल निवासी अंकेला कोंडापूर तांडा, मेहबूबनगर, हैदराबाद) ने अपने दो माह के बच्चे के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। लोकल क्राइम ब्रांच ने जेजुरी से लोनावला तक बच्चे की खोजबीन की, मगर कोई सफलता नहीं मिली। मगर पुलिस निरीक्षक मौला सय्यद को लक्ष्मी पर शक हुआ और उन्होंने उससे कड़ाई से पूछताछ की। तब उसने पूरी हकीकत बयां कर दी।
लक्ष्मी को चार बेटे और तीन बेटियां है, उन्हें संभालना मुश्किल बनते जा रहा था। कम से कम अपने सातवें बच्चे का पालन पोषण तो ठीक से हो इसके लिए उसने अपने दो माह के बच्चे को निर्मला बाबू साठे व बाबू भीमराव साठे निवासी शांतीनगर को गोद दिया। इस बारे में पति को पता चला तो वह मारपीट करेगा। इस डर से लक्ष्मी ने जेजुरी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नँबर दो पर से अपने बच्चे को अगवा किये जाने की शिकायत दर्ज कराई। मगर आखिरकार पुलिस को उसके ड्रामे का पता चल ही गया।