अगर आपको ये सब हो रहा है! तो जान लें विटामिन डी की कमी के संकेत 

समाचार ऑनलाईन – विटामिन डी का प्रयोग हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सूजन को कम करने में भी यह मददगार है. जानिए कैसे रोजाना के संकेतों से इसकी कमी को समझा जा सकता है.

अधिक पसीना आना : शिशुओं में विटामिन डी की कमी को पहचनना कठिन है लेकिन माथे पर लगातार पसीना आना विटामिन डी की कमी का संकेत है. यह बात वयस्कों पर भी लागू होती है कि यदि आप बहुत अधिक गर्म वातावरण में नहींं है लेकिन फिर भी अधिक पसीना आता है तो विटामिन डी की कमी की जांच कराने की आवश्यकता है.

नींद पूरी होने पर भी थकान होना : अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो तो पर्याप्त नींद लेने के बाद भी व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है. अमेरिका की टुल्सा यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक जिन एथलीट्स में विटामिन डी की कमी थी, वे अन्य एथलीट के मुकाबले कम वजन उठा पाते, कम दौड़ पाते और ऊंचा नहीं कूद पाते थे.

डिप्रेशन : उदास या अवसादग्रस्त होने की कई वजह हो सकते हैं लेकिन विटामिन डी की कमी और डिप्रेशन का संबंध भी कई अध्ययन से सामने आया है. एक इंटरनेशनल रिव्यू के मुताबिक विटामिन डी ब्रेन के उसी क्षेत्र में काम करता है जो फील गुड हार्मोन स्त्रावित करता है, जैसे सिराटोनिन और डोपेमाइन मूड पर असर डालते हैं.

जोड़ों में दर्द : जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न का संबंध भी विटामिन डी कमी से है. अगर लगातार कई हफ्तों से यह स्थिति महसूस हो रही हो तो डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह विटामिन डी की कमी दूर करने से भी ठीक हो सकती है.

हड्डियों का कमजोर होना : अगर 30 साल की उम्र तक मामूली चोट के कारण बार-बार हड्डी फ्रेक्चर होती हैतो यह ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत हो सकता है. यह बात द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन के हाल के अध्ययन में सामने आई है. हड्डियों की कमजोरी यानी रिकेट्स की बीमारी पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी के सेवन से दूर होती है.

विटामिन डी का स्त्रोत : सूरज की रौशनी पर दुनिया भर में हुई रिसर्च बताती हैं कि यह कैंसर, टीबी, अर्थराइटिस, मोटापा, रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी से बचाती है. यह हड्डियों के लिए आवश्यक है.