भाव नहीं मिले तो किसानों ने सैकड़ों किलो टमाटर को ट्रैक्टर से रौंद डाला

ऑनलाइन टीम. मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में आक्रोशित किसानों ने सैकड़ों किलो टमाटर और अन्य फसलों को सड़क फेंक कर ट्रैक्टर से रौंद दिया। उनका कहना है कि कड़ी मेहनत करने के बाद उनके टमाटर जब उपजने शुरू हुए तो व्यापारी उनके टमाटर की कीमत एक रुपये किलो लगा रहे हैं। इस कारण लागत मूल्य भी वापस होना मुश्किल हो गया है। इससे तो अच्छा है कि उसे हम खुद बर्बाद कर दें। हालांकि ऐसा करते वक्त आंखों में आंसू हैं, लेकिन व्यापारियों के ताने से तो अच्छा है।

जानकारी के अनुसार, बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल, असम व नेपाल तक के व्यापारी यहां पहुंचते थे। कोरोना काल में बाहर से व्यापारी के नहीं आने से किसानों को अपनी पैदावार की उचित कीमत नहीं मिल पा रही है। बाहरी व्यापारियों के नहीं आने से स्थानीय व्यापारी 25 किलो (एक ट्रे) टमाटर 20 से 40 रुपये में ले रहे हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप व अब लॉकडाउन लगने के बाद एक रुपये भी बेचना मुश्किल हो गया है। एक ट्रे टमाटर तोड़ने के लिए मजदूर 10 रुपये लेते हैं।

सूत्रों ने बताया कि टमाटर की खेती मुजफ्फर जिले के 25 हजार किसान प्रत्येक वर्ष अपनी क्षमता के अनुसार करते हैं। करीब 50 हजार एकड़ में टमाटर की खेती होती है। उनकी आजीविका का यह मुख्य साधन है। प्रत्येक साल इस सीजन में टमाटर की लाली उनकी जिंदगी में भी खुशहाली भर देती थी, लेकिन इस बार बेहाली है। कोरोनाकाल में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।