अगर तमिलनाडु में संभव है, तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं? : सांसद उदयनराजे

सातारा : ऑनलाइन टीम – मराठा आरक्षण पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सतारा के सांसद उदयन राजे भोसले ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए राज्य सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है। यदि तमिलनाडु में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है, तो महाराष्ट्र में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है? इतना ही नहीं राजे ने इस मुद्दे पर महाविकास अघाडी सरकार पर जमकर हमला बोला।

उदयन राजे भोसले ने कहा कि पिछले कुछ समय से पूरे राज्य में मराठा आरक्षण का मुद्दा बन गया है। हालही में राजे ने विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की और मराठा आरक्षण पर जोर दिया। रविवार को मुंबई के एक गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में उद्धव ठाकरे ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बैठक में राजे ने कहा कि उदयन राजे ने कहा कि पिछली फड़नवीस सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए गायकवाड़ आयोग की नियुक्ति की थी। गायकवाड़ आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में मराठा समुदाय का 70% हिस्सा पिछड़ा है। दूसरी ओर यह अदालत की अवमानना है कि सरकार ईसीबीसी रियायत लागू कर रही है। मराठा समुदाय के विकास के लिए स्थापित सारथी जैसी संस्थाएं अंतिम गणना कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को न्याय मिलना चाहिए। मराठा समुदाय के युवा वंचित हो गए हैं। इसके लिए राज्य सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है। तमिलनाडु में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण दिया गया है। यदि तमिलनाडु में अधिक आरक्षण देना संभव है, तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं?

इसके अलावा उदयन राजे भोसले ने मांग की है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। लोगों को पता होना चाहिए कि इस मुद्दे पर सरकार के स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है। मराठा आरक्षण की स्थिति क्या है? क्या चल रहा है और क्या नहीं है? यह समझा जाना चाहिए।