“भाजपा अगर 30 साल से बोझ थी… तो फिर अभी जो दोनों का साथ है वो उस बोझ के गधे हैं क्या?” भाजपा का शिवसेना को जवाब

मुंबई: समाचार ऑनलाइन- राज्य में महाविकास गठबंधन की सरकार आने के बाद से शिवसेना-भाजपा नेताओं के बीच जैसे कोई शाब्दिक जंग छिड़ गई है. आज शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ से भाजपा की तीखी आलोचना की है. इसमें लिखा गया है कि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि, शिवसेना ने भाजपा का बोझ अपने पर से फेंक दिया है. इसलिए,  खिड़की पर होंठ पर लाली और मुंह पर पाउडर लगाकर बैठी भाजपा को अपनी खिड़की बंद कर लेनी चाहिए.

हमेशा की तरह भाजपा ने भी शिवसेना की आलोचना का जवाब दिया. भाजपा विधायक आशीष शेलार ने ट्वीट कर शिवसेना को कहा कि, “भाजपा अगर 30 साल से बोझ थी… तो फिर अभी जो दोनों का साथ है वो उस बोझ के गधे है क्या?”

बता दें कि एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, शिवसेना के लिए अभी भी हमारे दरवाजे खुले हैं. उसी को लेकर शिवसेना ने सामना के माध्यम से भाजपा को किसी भी आस में न रहने का इशारा दिया है.

सामना’ संपादकीय के मुख्य बातें

– मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागपुर मानसून सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि अब भारतीय जनता पार्टी रूपी बोझ उतर गया है. पिछले 30 सालों से इसे कंधे पर ढो रहे थे. यह सिलसिला 30 वर्षों तक चला. अब लिपस्टिक और पावडर लगाकर खिड़की पर बैठी बीजेपी को अपनी खिड़की बंद कर लेना चाहिए.

-भाजपा ने अब यह कहना बंद कर देना चाहिए कि शिवसेना के लिए अब भी हमारे दरवाजें खुले हैं और हम बातचीत के लिए तैयार हैं.

-“हम लंबे समय तक विपक्ष में नहीं रहेंगे. हम अगले सत्र में फिर से सत्ता में होंगे.” ऐसे फेंकू बयानों के बावजूद भी नागपुर की ठंडी राजनीतिक हवा गर्म नहीं हुई.

– न केवल शिवसेना से भाजपा बोझ कम हुआ है, बल्कि अब  महाराष्ट्र के दिमाग पर बोझ कम हो गया और खुली हवा हो गई है.

– बोझ और तनाव इतना कम हो गया है कि एकनाथ खडसे जैसे नेता अब खुलकर बोलने लगे हैं। खडसे अब राहत महसूस कर रहे हैं कि अब वह एक बार पवार से मिलते हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करते हैं।

– अब वे हिम्मत से कह रहे हैं कि मैं अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं. पंकजा मुंडे की भूमिका भी इससे अलग नहीं है। हर किसी के दिमाग से बोझ कम उतर गया है और आजादी की सांस ले रहा है.

– देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर सवाल उठाया था कि, क्या उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब को कांग्रेस के साथ जाने का वचन दिया था? इसके जवाब में सामना में लिखा गया है कि, जो लोग कांग्रेस पार्टी के नेताओं में सेंध लगाकर अपनी पार्टी में मिलाकर सत्ता पाना चाहते हैं, उन्हें ऐसे बयान देने में संकोच नहीं करना चाहिए कि कांग्रेस की मदद से शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिला।

– जिन लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘भारत जलाओं पार्टी’ कहा था, वे रामविलास पासवान आज मोदी के मंत्रिमंडल में हैं.

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