हेलीकॉप्टर पर नहीं जमीन पर निरिक्षण करता हूं, उद्धव ठाकरे ने मोदी पर निशाना साधा 

मुंबई, 21 मई : ताऊ-ते चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए कोंकण गए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पंचनामा पूरी होने पर मदद को लेकर निर्णय लेंगे। उन्होंने साफ किया है कि किस मांपदंड के अनुसार मदद करना है इसकी समीक्षा करने के बाद तय किया जाएगा।  इस दौरान उनका फोटो लेने आये लोगों को मना करते हुए विरोधियों पर निशाना साधा। साथ ही हेलीकॉप्टर से नहीं बल्कि पैदल समीक्षा करने की बात कहकर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।

रत्नागिरी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की।  इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों से बात करते हुए कहा कि कोंकणवासियों को राहत देने के लिए आया हूं।  इस दौरान वहां मौजूद मीडिया से कहा कि ज्यादा घूमना बैठने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि मदद का तत्काल आदेश दिया गया है।  पंचनामा दो तीन दिनों में पूरी हो जाएगी। उसकी रिपोर्ट आने के बाद हम मदद को लेकर निर्णय लेंगे। कोई भी मदद से वंचित नहीं रहेंगे। इस तरह का आश्वासन देते हुए कहा कि पैकेज पर मेरा विश्वास नहीं है। जो जरुरी है वह करेंगे। मदद के मापदंड को बदलने के लिए मोदी के साथ हुई बैठक में मैंने कहा था।  इसके लिए उनसे एक बार फिर बात करूंगा।  तूफान में नुकसान का सामना करने वालों को सरकार नाराज नहीं करेगी। सरकार उनके साथ है।  जो संभव है उसे किये बिना नहीं रहेंगे।

विरोधी दो दिनों से कोंकण का दौरा कर रहे है और मुख्यमंत्री चार घंटे का दौरा करते है।  इस आरोप का जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे हेलीकाप्टर से निरिक्षण करने नहीं  गए है।  जमीन पर उतरा हूं।  यह कहते हुए उन्होंने मोदी पर निशाना साधा
मोदी दवारा गुजरात के लिए घोषित मदद पर उन्होंने कहा कि मैं यहां जैसा विरोधी पार्टी बोलती है वैसा नहीं बोलूंगा। मैं जिम्मेदारी से बोलूंगा। प्रधानमंत्री हमारे पास नहीं आये तो भी महाराष्ट्र के लिए व्यवस्थित मदद के बिना नहीं रहेंगे।

महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से  कोरोना कम हो रहा है लेकिन उस संबंध में कुछ नहीं बोलेंगे। पिछली लहर से हमने अनुभव लिया है।  पिछली बार भी हमने कोरोना पर नियंत्रण पाया था।  लेकिन थोड़ी शिथिलता आई और कोरोना के मामले बढ़ गए. फ़िलहाल कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक है।  तेज़ी से फैलता है।  कुछ ही समय में यह लोगों को बाधित कर रहा है। फ़िलहाल पिछली बार की तुलना में ख़राब स्थिति है।  इस बात को ध्यान में रखते हुए आगे हम अगर कोई प्रतिबंध हटाते है तो पिछले अनुभव के अनुसार व्यवहार करना होगा।