Pune जिले के 100 गांव हॉटस्पॉट में  

पुणे – (Pune) जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हॉटस्पॉट गांवों (Hotspot villages) की संख्या अभी भी नियंत्रण में नहीं है। प्रशासन भी लगातार नागरिकों से ध्यान रखने की अपील कर रहे है। (Pune) गांवों में 10 से अधिक सक्रिय मरीज हैं। फिलहाल करीब 100 गांव हॉटस्पॉट की सूची में हैं। पिछले हफ्ते यह संख्या 88 थी। लेकिन यह अब बढ़कर 12 गांवों तक पहुंच गया है। बता दें कि इलाकों में कोरोना मरीजों (coronavirus) को खोजने के लिए एक जोरदार सर्वेक्षण (survey) चल रहा है, पीड़ितों की संख्या को कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। जिससे ये वायरस औरों में न फैले।

भले ही पिछले दो महीनों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित दर में गिरावट आ रही है। लेकिन, अभी तक कोरोना का खतरा टला नहीं है। क्योंकि गिरावट उम्मीद के मुताबिक नहीं है। शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में रोगियों की दर अधिक है। इस दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर उपाय किए जा रहे हैं। हवेली तालुका में संख्या में कमी आई है, जो हॉटस्पॉट गांवों में सबसे आगे है। वर्तमान में केवल 9 गांव तालुका में हॉटस्पॉट की सूची में हैं। बारामती तालुका में हॉटस्पॉट गांवों की संख्या में भी कटौती की गई है। हालांकि, जुन्नार तालुका के अधिकांश हॉटस्पॉट 21 गांवों में प्रभावित हैं। नतीजतन, तालुका में रोगियों की संख्या में कमी नहीं आई है।

स्वास्थ्य विभाग ने पिछले हफ्ते 107 गांवों को हॉटस्पॉट और 300 गांवों को कम से कम एक मरीज के साथ घोषित किया था। यहां मरीजों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए सर्वे अभियान चलाया गया। गांव में हर घर के बाहरी व्यक्ति पर एंटीजन और आरटीपीसीआर परीक्षण किए गए। इसमें बड़ी संख्या में बिना किसी लक्षण के पाया गया। उन्हें आम नागरिकों के साथ घुलने-मिलने से रोका गया। हालांकि अभी भी मरीज के मिलने से चिंता का माहौल बना हुआ है।

जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग की क्षमता के बावजूद पूरी क्षमता से टीकों की आपूर्ति संभव नहीं है। लगभग 50 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण अभी बाकी है। तीसरी लहर के संभावित जोखिम को देखते हुए, टीकाकरण में तेजी लाना दिन का क्रम होगा।

अगस्त के अंत में तीसरी लहर की चेतावनी –
प्रशासन ने कहा कि पहली और दूसरी लहर के तुलनात्मक अध्ययन के मुताबिक अगस्त के अंत तक जिले में तीसरी लहर आने की संभावना है। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। यदि आप इस टीके की गंभीरता को रोकना या कम करना चाहते हैं तो टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है।