मानसून के डेढ़ माह बीते लेकिन राज्य के ये शहर अब भी है सूखे

मुंबई : समाचार ऑनलाईन – मुंबई, पुणे और दूसरे जिलों में मानसून की बारिश का आनंद ले रहे लोगों को लग रहा होगा कि राज्य में सबकुछ ठीकठाक है तो यह गलत है. इसी राज्य में 24 ऐसी जगहें है जहां मानसून के डेढ महीने बीतनें बाद भी एक बूंद बारिश नहीं हुई है.

बरसात के मौसम के डेढ़ महीने गुजर जाने के बावजूद कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र के चार जिलों व नासिक को छोड़कर राज्य के 24 जिलों में बहुत कम बारिश हुई है. मराठवाड़ा में औसत से 31 प्रतिशत तथा विदर्भ में 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

इसकी वजह से इन जिलों में बुआई नहीं हो सकी है और उन्हें अच्छी बारिश की प्रतीक्षा है. राज्य में फिलहाल कोंकण व मध्य महाराष्ट्र के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश हो रही है. मराठवाड़ा, विदर्भ में कुछ स्थानों पर बारिश दिखाई दे रही है. मध्य महाराष्ट्र में औसत से 15 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है.

अहमदनगर (8%) पुणे (75%), सातारा (21%), कोल्हापुर (26%) में ज्यादा बारिश दर्ज हुई है. सोलापुर (-50%), सांगली (-15%) कम बारिश हुई है. उत्तर महाराष्ट्र में केवल नासिक जिले में 21% अधिक बारिश दर्ज की गई है. नंदुरबार (- 36%), जलगांव (-17%), धुलिया (-16%) जिले अब भी सूखे हैं. मराठवाड़ा में 1 जून से 14 जुलाऊ तक औसत से 31% कम बारिश दर्ज की गई है. हिंगोली (- 46%) व नांदेड़ (- 45%) जिलों में सबसे कम बारिश हुई है. बीड़ (-37%), परभणी (-34%), उस्मानाबाद (-26%), लातूर (-32%), जालना (-17%), औरंगाबाद (-8%) में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. संपूर्ण विदर्भ में औसत से 30% कम बारिश हुई है.

यवतमाल (-51%), वर्धा (-43%), वाशिम (-41%), अमरावती (- 39%), भंडारा (- 31%), अकोला (- 28%), चंद्रपुर (-23%), गोंदिया (-37%), नागपुर (-26%), गढ़चिरोली (- 20%) में कम बारिश हुई है. इन जिलों में बारिश की नितांत जरूरत है. बंगाल की खाड़ी में फिलहाल बारिश के हिसाब से अनुकूल स्थिति नहीं है. इसीलिए मराठवाड़ा व विदर्भ में भारी बारिश के अनुकूल परिस्थिति नहीं है. इसी वजह से मराठवाड़ा व विदर्भ में खरीफ फसल की बुआई पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है.