फेसबुक, ट्विटर बंद किया तो भक्त मंडल ख़ुशी कैसे मनाएंगे ? शिवसेना का निशाना 

मुंबई, 28 मई : हिंदुस्तान में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छिपाये जाने का बम वैश्विक स्तर पर फोड़ा जा रहा है।  यह बम फोड़ने के लिए कोई ट्विटर का इस्तेमाल करता है तो मध्य रात्रि में दिल्ली के ट्विटर मुख्यालय में पुलिस पहुंच जाती है।  अब इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बंद करने पर विचार किया जा रहा है।  हमें लगता है कि हमें थोड़ा रुकना चाहिए। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सअप को जल्दबाजी में बंद किया गया तो मेहुल चौकसी को पकड़ने व हिंदुस्तान में लाने की ख़ुशी भक्त मंडल कैसे मनाएंगे? यह तीखा हमला शिवसेना ने सामना के संपादकीय में किया है।

मेहुल चौकसी कौन है और उसका क्या हुआ ? इसे लेकर आम नागरिकों को कोई लेनादेना नहीं है।  उसके बावजूद डॉमिनिकन देश में मेहुल चौकसी के पकडे जाने की ख़ुशी देश में मनाई जाएगी।  पंजाब नेशनल बैंक से 14 लाख करोड़ की ठगी के मामले में मेहुल चौकसी आरोपी है।  नीरव मोदी लंदन की जेल में बंद है।  उसे वापस लाने के लिए लंदन की कोर्ट में लड़ाई जारी है।  दूसरे एक महाशय विजय माल्या स्टेट बैंक सहित कई वित्तीय संस्थानों से आठ दस हज़ार करोड़ का फ्रॉड कर लंदन की सड़कों पर घूम रहा है।  माल्या को देश में लाने के लिए लंदन की कोर्ट में लड़ाई चल रही है।

नीरव, मेहुल जैसे कई लोग पिछले कुछ समय में देश छोड़कर जा चुके है। आईपीएल क्रिकेट के जन्मदाता ललित मोदी भी देश छोड़कर जा चुका है और यूरोप के देश में मजे कर रहा है।  ये  सारे लोग भाजपा की सरकार  में देश छोड़कर भागे है।  किसी की मदद के बिना इनका भागना संभव हो सकता है क्या ?

इसमें से हर कोई कहता है कि वह प्रखर राष्ट्र भक्त है।  उसने जानबूझकर घोटाला नहीं किया है।  हम सिस्टम और राजनीति की बलि चढ़ गए है। माल्या से बैंक के पैसे वापस करने का प्लान दिया था। माल्या, मोदी जैसे लोगों की सम्पति जब्त की गई है।  उनके दवारा डुबाये गए रकम से अधिक की सम्पत्ति जब्त की गई है।  भागने वाले हर व्यापारी का कहना है कि हिंदुस्तान में बिज़नेस करने का माहौल नहीं है।  माल्या जैसे लोग आप आरोपी है इसे में उनकी बात  पर कौन विश्वास करेगा ? लेकिन इन सभी भगोड़े का देश की जीडीपी में बड़ा योगदान था।

माल्या, नीरव, चौकसी को किनारे रखे लेकिन देश में 10 हज़ार करोड़ रुपए मालिक उधोगपति, व्यापारी पिछले सात साल में देश छोड़कर जा चुके है।  इसमें से कई लोग बड़े नाम है और उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है।  लेकिन में औधोगिक और व्यापार के लिए माहौल ठीक नहीं होने का हवाला देकर देश छोड़कर चले गए।  ऐसे में स्टार्ट अप, मेक इन इंडिया , आत्मनिर्भर भारत जैसे खेल से क्या हासिल हुआ ? नए उधोग, नया निवेश आया नहीं उलटे जो था वह भी चला गया।