‘यह’ व्यवसाय करने के लिए मोदी सरकार करेगी मदद, घर बैठे कमाएं लाखों रुपए, जानें…

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – बिजनेस करने की चाह रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है. अब मोदी सरकार ऐसे लोगों को मत्स्य पालन व्यवसाय शुरू करवाने में बड़ी मदद करने जा रही है. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य मंत्रालय द्वारा इस योजना की शुरूआत की गई है, जो मछली पालन हेतु ऋण देने के साथ-साथ किसानों का मार्गदर्शन भी करेगी.

25 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मत्स्य पालन पर 25,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. इस योजना के अंतर्गत मछली पकड़ने वाले छोटे व्यापारियों को प्रेरित करने और समुद्री मछली उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.

भारत मत्स्य पालन के लिए भारत क्यों उपयोगी है?
पशुपालन विभाग प्रकृति और इससे जुड़ी चीजों की महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाने में प्रयासरत है. वहीं मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. बेरोजगार युवाओं और किसानों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए. देश में 60% से अधिक लोग मछली खाते हैं, इसलिए मत्स्य व्यवसाय को देश में बड़े पैमाने पर शुरू करने की आवश्यकता है.

ऐसे करें मछली पालन की शुरुआत
सरकार इस योजना को बढ़ावा दे रही है क्योंकि हमारा देश जलवायु, प्रकृति और पानी के मामले में मत्स्य पालन के लिए बहुत अनुकूल है. किसान आजकल पुरानी सामग्री का उपयोग किए बिना नई मशीनरी का उपयोग करते हैं. किसानों ने स्वयं के खेतों में पानी एकत्रित कर मछली पालना शुरू कर दिया है.

बीस लाख तक खर्च आ सकता है
बीस हज़ार किलो की टंकियां बनाने में 20 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है. लेकिन पांच लाख के प्रावधान के बाद, केंद्र सरकार प्रोजेक्ट हेतु 8 लाख रुपये और राज्य सरकार 4 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है. इसके अलावा भी सरकार 5 लाख तक का बैंक ऋण भी प्रदान करती है. मोदी सरकार और राज्य सरकार मिलकर मत्स्य पालन के लिए एक बड़ी योजना को लागू कर रही है, जिसके तहत सरकार व्यावसाय पर लगने वाली लागत का 75% खर्च करने को तैयार है.

कितना मिलेगा लाभ
यदि आप RAS के माध्यम से मछली पालन का व्यवसाय करना चाहते हैं, तो आपको 5 लाख रुपए तक खर्च करने होंगे. इस खर्च से बीस हजार किलो वजन की मछली पाली जा सकती है. फलस्वरूप 15 लाख रुपए तक का मुनाफा हो सकता है.

क्या है तकनीक
‘रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम’ में पानी भरने व कम करनी की व्यवस्था की जाती है. इसके लिए कम जगह और कम पानी की आवश्यकता होगी. सामान्य तौर पर जिस तरह से मत्स्य पालन किया जाता है, उससे अधिक लाभ इस तकनीक को अपना कर प्राप्त किया जा सकता है.