रावलपिंडी के 121 वर्ष पुराने कृष्ण मंदिर में भी धूमधाम से मनाई जा रही है कृष्ण जन्माष्टमी

समाचार ऑनलाइन : पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में 121 साल पुराना कृष्ण मंदिर अपनी शोभा लिए आज भी खड़ा हुआ है. यहाँ पर आज भी कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा अर्चना की जाती हैं. इस दिन यहाँ सैकड़ों हिंदू श्रध्दालुओं का जमावड़ा लगता वैसे. आम दिनों मे भी यहाँ हिन्दू धर्म के अनुयाइयों द्वारा भगवान की आराधना की जाती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से देखरेख के अभाव के कारण इसकी हालत खस्ता हो गई है. आश्चर्य की बात तो यह है कि पाकिस्तान सरकार ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए हाल ही में 2 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.

गौरतलब हैं कि विभाजन के दौरान पाकिस्तान में बहुत से हिन्दू मंदिरो को तोडा था. नतीजतन कि पुराने मंदिरों की हालत खराब हो गई है. बावज़ूद इसके आज़ भी वहां क़रीब एक दर्जन से अधिक कृष्ण मंदिर बचे हुए हैं, जबकि कुछ मंदिर अभी भी ठीक स्थिति में हैं.

कम ही मंदिरों मे होती हैं सुबह शाम पूजा

भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान लाहौर,कराची, रावलपिंडी सहित पाक के कई हिस्सो मे मंदिर तोड़ दिए गए थे. इसके बाद बचे गिने चुने मंदिर ही ऐसे हैं, जिसमें दिन में दो बार सुबह औऱ शाम नियमित पूजा पाठ होती है, जबकि दूसरे कई मंदिरो में केवल एक समय ही पूजा की जाती है. इस्कॉन ने भी कराची और क्वेटा शहर में दो कृष्ण मंदिरों को बनवाया है, तब से उसमें श्रध्दालुओ की भीड़ बढ़ने लगी है.

रावलपिंडी के 121 वर्ष पुराने कृष्ण मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाय़ा हैं पाक सरकार ने

इतिहासकारों के अनुसार रावलपिंडी मे स्थित 121 वर्ष पुराने प्राचीन कृष्ण मंदिर का निर्माण सन 1897 में सद्दर में कांची मल और उजागर मल राम पांचाल ने कराया था. विभाजन के बाद कुछ सालों के लिए इसे  बंद कर दिया गया था. लेकिन1949 में इसे फिर से दर्शनार्थ हेतु खोला गया. यह मंदिर यहां रहने वाले हिंदूओ की देख रेख मे था. लेकिन 1970 में इसे ईटीपीबी के नियंत्रण में दे दिया गया. बताया जाता हैं कि 1980 तक इस्लामाबाद में रहने वाले भारतीय राजदूत भी यहां भगवान की पूजा औऱ दर्शन के लिए आते थे.

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार  शरणार्थी ट्रस्ट संपत्ति बोर्ड (ईटीपीबी) का कहना है कि जैसे ही पाक सरकार दो करोड़ रुपए रिलीज करेगी हम इसका जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ करेंगे.

सिंध प्रांत में हैं सबसे ज्यादा मंदिर…

पाकिस्तान सिंध प्रांत मे आज़ भी क़रीब 58 मंदिर हैं, जिनमें से क़रीब 28 मंदिर कराची शहर मे स्थित हैं. लेकिन देखरेख के अभाव में इनकी हालत खराब हो गई है.

यहां श्रीस्वामीनारायण मंदिर है भी हैं जो कि कराची शहर मे स्थित हैं. कहा जाता हैं कि यहां इस्लाम धर्म के अनुयायी भी आते हैं. इसमें हरे कृष्ण महाराज और राधा कृष्णदेव की मूर्तियां हैं.

टूरिज्म को विकसित करने के लिए प्राचीन मंदिरो की ओर दिया जा रहा है ध्यान…

पाकिस्तान सरकार ने अपने देश मे टूरिज्म को विकसित करने के लिए प्राचीन हिंदू और बौद्ध मंदिरों की ओर ध्यान देकर उनका जीर्णोद्धार कराना शुरू किया है. साथ ही उन्हें टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने की उनकी योजना है.