भारत के डिफेंस बजट से डरा चीन, ग्लोबल टाइम्स के जरिए कैसे निकाली भड़ास

नई दिल्ली : ऑनलाइन टीम – चीन और पाकिस्तान जैसे खुराफाती पड़ोसियों की वजह से भारत को हर साल रक्षा बजट पर एक भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है। पिछले कई महीनों से चीन से चल रहे टकराव के बीच एक बार फिर रक्षा बजट में इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।

रक्षा बजट के लिए कुल 4.78 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें से करीब 1.16 लाख करोड़ रुपए भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन के लिए है। जबकि बाकी 3.62 लाख करोड़ रुपये की राशि तीनों सेनाओं के लिए है। जबकि पिछले साल यह बजट करीब 3.37 लाख करोड़ था। यानी इस साल कुल बढ़ोतरी 25 हजार करोड़ रुपये की हुई है, जो करीब साढ़े 7 फीसदी की है।

बजट देख चीन भड़का हुआ है। ग्लोबल टाइम्स में चीनी सरकार की तरफ से भड़ास निकाला गया है। ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था से भारत के रक्षा बजट की तुलना करते हुए लिखा है कि ‘एक तरफ कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7% का संकुचन आ गया है लेकिन इसके बावजूद भारत ने रक्षा बजट में इजाफा कर दिया है। भारत सरकार ने रक्षा बजट में हथियार खरीदने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया है, जिसे लेकर चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरे देशों से हथियार खरीदने से भारत को चीन सीमा विवाद से निपटने में कोई फायदा नहीं होने वाला है’। चीनी मुखपत्र आगे लिखता है कि ‘भारत अपनी सैनिकों पर आंख मूंद कर घमंड कर रहा है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाएगा’

आगे लिखा है कि ‘इस बार भारत सरकार ने पिछले साल के मुकाबले डिफेंस बजट काफी बढ़ा दिया है। इस बार भारत सरकार का डिफेंस बजट 47.4 बिलियन डॉलर का है जबकि चीन का रक्षा बजट 178.6 बिलियन डॉलर का है। ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि भारत सरकार ने डिफेंस बजट में इजाफा चीन के साथ सरहद विवाद के चलते फौरन हथियार खरीदने के लिए किया है” ये चीन का डर नहीं तो और क्या है, क्योंकि कोई भी सरकार अपने देश और सेना की ताकत बढ़ाना ही चाहेगी। वो भी तब जब उसका पड़ोसी चीन और पाकिस्तान हो।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में एक एक्सपर्ट ने कहा है कि ‘भारत में पिछले कुछ सालों में राष्ट्रवाद का इजाफा हुआ है। साथ ही भारतीय सैनिकों की ताकत बढ़ाने के लिए पिछले कुछ सालों में भारत का रक्षा बजट लगातार बढ़ाया जा रहा है। लेकिन, भारत का ये सिर्फ भ्रम है कि रक्षा बजट बढ़ाने या फिर हथियार खरीदने से सेना की शक्ति बढ़ जाती है’ ग्लोबल टाइम्स में भारतीय सेना की ताकत से डरकर लिखा गया है भारतीय सेना के पास तरह तरह के खतरनाक हथियार हैं लेकिन वो चीन के खिलाफ काम के नहीं होंगे।

ग्लोबल टाइम्स के रिपोर्ट में एक एक्सपर्ट का कहना है कि ‘भारत ने पिछले कुछ सालों में अमेरिका, रूस, इजरायल और फ्रांस से कई घातक हथियार खरीदे हैं। लेकिन, भारत को लड़ाई जीतने के लिए सिर्फ हथियार ही नहीं लॉजिस्टिक और सप्लाई सपोर्ट भी चाहिए, जो भारत के पास कम है’