गृहमंत्री देशमुख ने कहा-पतंजलि के ‘कोरोनिल’ को महाराष्ट्र में बिक्री की इजाजत नहीं  

मुंबई. ऑनलाइन टीम : योग गुरु बाबा रामदेव ने 19 फरवरी को कोरोना की दवा लॉन्च की थी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और नितीन गडकरी भी मौजूद रहे। इस दौरान कोरोना की फर्स्ट एविडेंस बेस्ड मेडिसिन पर साइंटिफिक रिसर्च पेपर पेश किया गया था। बाबा रामदेव ने दावा किया था कि यह आयुर्वेदिक दवा डब्ल्यूएचओ सर्टिफाइड है।

दूसरी तरफ, डब्ल्यूएचओ ने 19 फरवरी की शाम को साफ कर दिया था कि उसने किसी भी ट्रेडिशनल मेडिसिन का ना तो कोई रिव्यू किया है और ना ही किसी को सर्टिफिकेट दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी पतंजलि की कोरोना वैक्सीन कोरोनिल का समर्थन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को आड़े हाथ लिया है। पतजंलि की कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाण पत्र मिलने की बात को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को सरासर झूठ करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन से इस बाबत स्पष्टीकरण की मांग की

अब महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख भी मैदान में आ गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि पतंजलि की कोरोनिल दवा की बिक्री को महाराष्ट्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईएमए से उचित प्रमाणीकरण के बिना अनुमति नहीं दी जाएगी।  अनिल देशमुख ने कहा कि जहां जिंदगी की पड़ी हो, वहां ऐसे रिस्क नहीं ले सके।  जल्दीबाज़ी में किसी भी दवा को उपलब्ध करवाना और दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियो द्वारा सराहना उचित नहीं।”