हिंदी आंदोलन परिवार की गुरु पूर्णिमा विशेष गोष्ठी संपन्न  

पुणे : समाचार ऑनलाईन – पुणे में हिंदी भाषा का वातावरण यदि साहित्य से समृद्ध हुआ है तो उसमें निश्चित ही हिंदी आंदोलन परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। अपनी मासिक गोष्ठियों के साथ कुछ विशेष गोष्ठियों के लिए हिंदी आंदोलन परिवार (हिंआंप) जाना जाता है। इस वर्ष की गुरु पूर्णिमा विशेष गोष्ठी कल्याणी नगर में संपन्न हुई। गुरु पूर्णिमा को ध्यान में रखकर गोष्ठी होने से रचनाकारों ने उसी विषय पर मराठी-हिंदी, उर्दू में कविता, संस्मरण, लेख आदि का वाचन किया।
बीते 25 सालों से मासिक गोष्ठियों की अबाधित श्रृंखला को विद्यमान रखते हुए इस बार की यह 236 वीं गोष्ठी थी, जिसके केंद्र में गुरु थे। अत: गोष्ठी प्रतिभा गुप्ता, सुर्दशन मनचंदा एवं श्रीमती सरोज द्वारा प्रस्तुत गुरु भजन से प्रारंभ हुई। इसी के साथ संजय भारद्वाज की नई व्याख्यान माला ‘संजय उवाच’ का अनौपचारिक शुभारंभ भी उनके द्वारा दिए गए व्याख्यान से हुआ। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके बाद संस्था का घोष गीत समवेत स्वर में गाया गया। ‘इस बीच’ के तहत पिछली गोष्ठी की जानकारी दी गई।
‘क्या पढ़ा’ के तहत सुधा भारद्वाज ने बीते दिनों उन्होंने जो पढ़ा, उसे साझा किया। अध्यक्षता विजया टेकसिंघानी ने की। संचालन स्वरांगी साने ने किया। जिन रचनाकारों ने रचना पाठ किया, उनमें मुख्य थे – संजय भारद्वाज, सुधा भारद्वाज, अपर्णा कडसकर, स्वरांगी साने, सुशील तिवारी, डॉ. मंजु चोपड़ा, मेजर सरजूप्रसाद, आशु गुप्ता, जिया बागपती, विजया टेकसिंघानी, माया मीरपुरी, नंदिनी नारायण, लतिका जाधव, महेश शुक्ल,अलका अग्रवाल, प्रतिभा गुप्ता, सुदर्शन मनचंदा, श्रीमती सरोज, नंदकुमार मिश्र, नीलम छाबरिया, पुलारानी प्रसाद, पवन अग्रवाल, रेखा शुक्ल एवं नीलाक्षी गुप्ता। मेजबान  प्रतिभा गुप्ता, सुर्दशन मनचंदा एवं श्रीमती सरोज थीं।