बर्ड फ्लू की चपेट में आधा राजस्थान…15 जिलों में पुष्टि, जयपुर चिड़ियाघर बंद

जयपुर. ऑनलाइन टीम : देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने की ख़बरें आ रही हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में बड़ी तादाद में पक्षियों की मौत अचानक से हुई है। इनमें राजस्थान में तेजी से मामले बढ़ते जा रहे हैं। कुल 33 जिलों में से 15 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, पाली, बारां, कोटा, बांसवाड़ा, सिरोही और प्रतापगढ़ जिलों में बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। सोमवार को टोंक और करौली में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी।

अभी तक राज्य में 3,000 से अधिक पक्षी इस बीमारी के चलते मारे गए हैं। पिछले 24 घंटों में, 264 और कौवे मृत पाए गए। इसके साथ ही राज्य में कौवों की मौतों की कुल संख्या 2,500 पहुंच गई। इसके अलावा 180 मोर, 190 कबूतर भी मृत पाए गए हैं। एहतियातन जयपुर चिड़िय़ाघर को बंद कर दिया गया है।  चार ब्लैक स्टार्क्स और कुछ बतख सोमवार को जयपुर चिड़ियाघर में मृत पाए गए, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। कुछ पक्षी बीमार भी पाए गए। उनके नमूने जांच के लिए भोपाल लैब भेजे गए हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं कि एच5एन1 या एच7 तरह के जितने भी बर्ड इनफ्लूएंजा होते हैं, वे नैचुरली पैदा होते हैं। इकोलॉजिकल या एनवायरनमेंटल वजहों से जिन पक्षियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, उनमें यह वायरस पनप सकता है।  भारत में पॉल्ट्री में मिलने वाला बर्ड फ्लू एच5एन1 वायरस है, जबकि कौवों में यह म्यूटेट किया हुआ रूप एच5एन8 पाया गया है। देखा जाए तो बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंज़ा एक वायरल इंफ़ेक्शन है जो कि पक्षियों से पक्षियों में फैलता है। यह ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है। पक्षियों से इंसानों और दूसरे प्राणियों में पहुंचने पर यह उनके लिए भी घातक साबित होता है। बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में सामने आया था और तब से इससे संक्रमित होने वाले क़रीब 60 फ़ीसद लोगों की जान गई थी। यही कारण है कि लोग डरे हुए हैं।