50 किलोमीटर तक बंदूक से निशाना, भारतीय सेना के जवान चुन-चुन कर मारेंगे दुश्मनों को 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : 50 किलोमीटर तक बंदूक से निशाना…सुनने में ही आश्चर्य लग रहा है, लेकिन आत्मनिर्भर भारत में यह सच साबित होने जा रहा है। इस बंदूक को बनाने को दौरान भारतीय सेना की जरूरतों को विशेष ध्यान रखा गया है। ट्रायल जोर-शोर से चल रहा है। इस बंदूक (ATAGS ) को डीआरडीओ के आयुध रिसर्च और डेवलपमेंट विभाग ने विकसित किया है।
बता दें कि भारतीय सेना स्वदेशी हथियारों से अपनी मारक क्षमता को और अधिक मजबूत करने में जुटी हुई है।

कुछ दिन पहले स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर नए-नए हथियार बनाने के क्रम में पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ‘के-9 वज्रा थंडर गन’ का सफल परीक्षण किया गया था। भारत की ये स्वदेशी गन उसे चारों दिशाओं में घूम-घूम कर अचूक निशाना लगाकर नेस्तनाबूत करने में सक्षम है।

अब बंदूक ATAGS के आने के बाद से भारतीय जवानों की ताकत और बढ़ेगी। खासकर सीमावर्ती प्रदेशों में तैनात सेना को जवानोंके लिए इसे बनाया जा रहा है। इसका उत्पादन देश की मल्टीनेशनल कंपनी भारत फोर्ज करेगी।  इस बंदूक के निर्माण में 95 फीसदी कंटेंट स्वदेशी बताया गया है। बीएफएल के अलावा, महिंद्रा डिफेंस नैवल सिस्टम, टाटा पावर स्ट्रैटजिक और पब्लिक सेक्टर की ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड भी डेवलपमेंट व उत्पादन में पार्टनर हैं।