गुजरात भाजपा में रार…भरूच के सांसद मनसुख वसावा ने छोड़ी पार्टी, सांसद पद से भी देंगे इस्तीफा

अहमदाबाद. ऑनलाइन टीम : भारत भर में परचम लहराने की इच्छा रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को गुजरात में ही झटका लगा है।  भरूच से सांसद मनसुख वसावा ने भारतीय जनता पार्टी  से इस्तीफा दे दिया है। गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल को लिखी चिट्ठी में वसावा ने कहा, मेरी गलतियों से पार्टी को नुकसान न हो इसलिए दे इस्तीफा रहा हूं। उन्होंने गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, वसावा लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा देंगे।

जानकारी के मुताबिक अपनी बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठाया है। दरअसल, सरकार की ओर से आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के 121 गांव को इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित किया गया है। सांसद मनसुख धनजी भाई वसावा इसका विरोध कर रहे हैं। सांसद वसावा इससे पहले भी कई बार भाजपा व सरकार के रवैया को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल को भेजे गए अपने पत्र में वसावा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है।

उनके मूल्य व आदर्श भारतीय जनता पार्टी के अनुसार रहे हैं तथा अपनी योग्यता में विवेक से अधिक पार्टी ने दिया ऐसा उनका मानना है। बसावा का कहना है कि मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं तथा आदिवासियों से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर व्यक्तिगत रूप से व्यथित हूं, इसलिए  अब भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं रह सकता।  गौरतलब है कि गुजरात में शराबबंदी आदिवासियों से जुड़े जल जंगल और जमीन के मामले तथा इको सेंसेटिव जोन को लेकर सांसद वसावा कई बार मुखर रहे हैं तथा केंद्र व राज्य सरकार को इस संबंध में अवगत भी करा चुके हैं।

वसावा  ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा है कि आगामी बजट सत्र में वह लोकसभा से भी इस्तीफा दे देंगे। बताते चलें कि वसोवा  पिछले दिनों बीजेपी सरकार के कामकाज के तरीकों को लेकर सवाल उठाने पर चर्चा में आए थे।  मनसुख भाई वसावा, बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। वह 6 बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं। पिछले मोदी सरकार में उन्होंने राज्यमंत्री का पदभार भी संभाला था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह पार्टी के काम काज के तरीकों से नाखुश नजर आ रहे थे।