तंबाकू प्रोडक्ट्स और कोल व्यवसाय को लग सकता है GST का झटका, जानें क्यों ?

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – तंबाकू उत्पादों और कोयला व्यवसाय से जुड़े लोगों को सरकार GST का झटका दे सकती है. खबरें आ रही है कि सरकार अपना GST कलेक्शन बढ़ाने के लिए तंबाकू प्रोडक्ट्स और कोल आइटम्स पर टैक्स बढ़ा सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि GST की समीक्षा के लिए गठित सचिवों की कमेटी ने अपनी पहली मीटिंग (मंगलवार) में टैक्स कलेक्शन में आई कमी की भरपाई के लिए कुछ उत्पादों को शॉर्ट लिस्ट किया है. कमिटी का मानना इन उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर कमी की भरपाई की जा सकती है. हालांकि कमेटी के सुझावों पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में होगा.

बता दें कि अप्रैल से अगस्त 2019 के बीच जीएसटी की ग्रोथ में महज 1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है, जो कि कमी की ओर इशारा करती है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएसटी कलेक्शन में अगस्त महीने की तुलना में सितंबर में करीब 6 हजार करोड़ से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. जहाँ अगस्त में जीएसटी कलेक्शन की राशि 98,202 करोड़ रुपए थी, वहीं सितंबर महीने में यह घटकर 91,916 करोड़ रुपए हो गई थी.

मीटिंग के प्रमुख बिन्दू…

– तंबाकू के वर्तमान सभी 27 प्रोडक्ट्स आइटम्स 5 फीसदी से लेकर 290 फीसदी तक का सेस लगता है, जिसे अब बढ़ाया जा सकता है.

– कोल पर भी जीएसटी दर बढ़ सकती है.

– इसके अलावा इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर वाले आइटम्स में भी फेरबदल का सुझाव दिया गया है.

– आगामी समय में जीएसटी सेस घाटा 3-4 गुना तक बढ़ने का अनुमान

– केंद्र सरकार के मुकाबले राज्यों में जीएसटी कलेक्शन कम हो रहा है.

– इसलिए सचिवों की समिति इन उत्पादों पर लगने वाले सेस की दर बढ़ाने का सुझाव दे सकती है.

– आंकलन के मुताबिक जीएसटी सेस कलेक्शन से 8000 करोड़ रुपए का घाटा संभव.

– अगले वित्तवर्ष में ऐसा माना जा रहा है कि जीएसटी सेस घाटा 3-4 गुना बढ़ सकता है. जीएसटी घाटे की भरपाई के तौर पर केंद्र को 1.06 लाख करोड़ रुपए देने पड़ सकते हैं.

– केंद्र की तरह रिज़र्व बैंक और पीएसयू के डिवीडेंड जैसे आय के स्रोत नहीं हैं. केंद्र को करनी होगी भरपाई, राज्यों की मांग 5 के बजाए 8 साल तक मिले कंपन्सेशन.

– भरपाई में कमी होने की हालत में राज्यों को करनी पड़ेगी योजनाओं में कटौती.