गंभीर और दुर्लभ बीमारियों के लिए नई नीति लाएगी सरकार, इलाज के लिए मिलेंगे 15 लाख

नई दिल्ली, 15 जनवरी  – नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज का मसौदे तैयार हो गया है. इसमें मरीजों को 15 लाख रुपए तक निधि सरकार उपलब्ध कराएगी। इसके तहत मरीजों को एक बार इलाज के लिए आर्थिक सहयोग  किया गया है. इस योजना में आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र मानी गई 40% आबादी को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन यह रकम तभी मिलेगी जब आप सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराते है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मसौदा नीति को अपनी वेबसाइट पर जारी करते हुए 10 फरवरी तक सुझाव मांगा है.

एम्स (दिल्ली ), मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (दिल्ली ), संजय गांधी पीजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (लखनऊ), चंडीगढ़ पीजीआई और चार अन्य संस्थानों में दुर्लभ बीमारियों में इलाज की सुविधा मिलेगी।

2017 में भी जारी की गई थी नीति 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले जुलाई 2017 में भी नेशनल पॉलिसी फॉर ट्रीटमेंट ऑफ़ रेयर डिजीज जारी की थी. लेकिन इसमें फंडिंग आदि बातें साफ नहीं होने की वजह से राज्य सरकारों की तरफ से ऐतराज जताया गया था. इसके बाद नवंबर 2018 में सरकार ने इस पर पुनर्विचार के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था.

ऐसे था खर्च का आकलन 
* 10 किलो तक के शिशु की दुर्लभ बीमारी के इलाज में 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक हर साल होते है खर्च।
* 450 बीमारियां ही सरकारी हॉस्पिटलों में दर्ज की गई है.