इनकम टैक्स के इस नियम को बदलने की तैयारी में सरकार! आम आदमी पर होगा सीधा असर

मोशी, 13 नवंबर : मोदी सरकार इनकम टैक्स से जुड़ा एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सरकार डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में बदलाव कर सकती है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की खबर में बताया गया है कि कंपनी के बदले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को शेयरधारकों के चुकाने का नया नियम आ सकता है. इस मामले की जानकारी रखने वालों को कहना है कि इस फैसले से विदेशी निवेश बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स की वजह से 60 हजार करोड़ रुपए हर साल सरकारी खजाने में आते हैं. सरकार की नई योजना से इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

अब होगा क्या

1 फरवरी 2020 को पेश होने वाले आम बजट में सरकार इस प्रस्ताव को ला सकती है. मौजूदा समय में यह टैक्स कंपनियों को चुकाना होता है. लेकिन अब यह शेयरधारकों को चुकाना पड़ सकता है.

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है

अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देने से पहले भारतीय कंपनियों को 15 फीसदी डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) देना पड़ता है.
1. कंपनियों पर भारत सरकार यह टैक्स लगाती है. किसी वित्त वर्ष में घरेलू कंपनी से मिले 10 लाख रुपए तक के डिविडेंड पर टैक्स से छूट मिलती है. मतलब निवेशक को इस पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.
2. किसी विदेशी कंपनी को अपने शेयरधारकों को दिए गए डिविडेंड पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है. वहीं विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्सेबल होता है. इसे अन्य स्रोतों से आय के तहत लिया जाता है. इस पर लागू दरों के अनुसार टैक्स लिया जाता है.
3. म्यूचुअल फंडों से मिला डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्स फ्री है, लेकिन उन्हें डेट फंडों के लिए 25 फीसदी की दर से डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (29.12 फीसदी सरचार्ज और सेस के साथ) देना पड़ता है. इक्विटी फंडों के लिए यह 10 फीसदी (11.64 फीसदी सरचार्ज और सेस सहित) है.