खुशखबरी! मोदी सरकार बढ़ाने जा रही है ‘इन’ कर्मचारियों की सैलरी, 10 लाख लोगों को मिलेगा लाभ  

अनियमित कर्मचारियों को सरकार का तोहफा

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन– देशभर के उन सभी अनियमित कर्मचारियों के लिए सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है, जो केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत है. सरकार ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन देने का फैसला लिया है, जिसका फायदा लगभग 10 लाख अनियमित कर्मचारियों को मिल पाएगा. इसे आप सरकार की तरफ से दीपावली का उपहार भी समझ सकते हैं.

इस संबंध में प्रधानमन्त्री कार्यालय (PMO) के अधीन कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा बुधवार को आदेश भी जारी कर दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जारी हुआ आदेश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य के लिए समान वेतन संबंधी दिए गए आदेश के बाद सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है. इस फैसले के पीछे सरकार का मानना है कि दोनों ही वर्ग के कर्मचारी बराबर काम  करते हैं, ऐसे में उनके साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता. इस सन्दर्भ में आदेश सभी मंत्रालयों और विभागों को भेज दिया गया है.

क्या है सरकार का आदेश
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेशानुसार, वे सभी अनियमित कर्मचारी जो नियमित कर्मचारियों की तरह समान पड़ पर 8 घंटे काम करते हैं, उन्हें नियमित कर्मचारियों के वेतनमान के न्यूनतम मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर ही भुगतान होगा. हालांकि वे जितने दिन काम करेंगे, उन्हें उतने दिनों का वेतन दिया जाएगा. लेकिन यहाँ बात गौर करने वाली है आदेश संख्या 49014/1/2017 के अनुसार उन्हें नियमित रोजगार पाने का हक नहीं होगा.

अब दोगुने से भी अधिक मिल सकता है वेतन
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में अनियमित कर्मचारियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तय किया न्यूनतम वेतन ही दिया जाता था. दिल्ली ने अकुशल श्रमिकों के लिए 14,000 रुपये हर महीने का वेतन तय किया गया था, लेकिन अब इस आदेश के बाद उन्हें ग्रुप डी के वेतनमान का न्यूनतम वेतन यानि 30,000 रुपये प्रति महीने दिया जाएगा. यानि एक बार में ही इन कर्मचारियों का वेतन दोगुना से भी अधिक हो जाएगा, जो किसी जैकपॉट से कम नहीं है.

काम अलग होने पर मिलेगा इतना वेतन
हालांकि उक्त आदेश में साफ-साफ कहा गया है कि, अगर किसी अनियमित कर्मचारी का काम नियमित कर्मचारी के काम से अलग है तो राज्य सरकार के तय वेतन के आधार पर ही उसे भुगतान किया जाएगा.

आदेश लागू होगा या नहीं? इस पर ट्रेड यूनियन नेताओं को शक
सरकार के इस आदेश के बाद अभी भी ट्रेड यूनियन नेता यह मानने को तैयार नहीं है कि सरकार कर्मचारियों के उत्थान के लिए इस नियम को प्रभाव में लाएगी. इसके पीछे की वजह उन्होंने पहले भी इस तरह के नियमों को लागू न करना बताया है.

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि यह आदेश अगर श्रम मंत्रालय जारी करता तो यह सभी कर्मचारियों पर लागू होता. लेकिन यह आदेश DoPT ने जारी किया है. इसलिए यह संदेहास्पद है.

आउटसोर्स की वजह से फंस सकता है पेंच
जानकारों का कहना है कि सरकार ने ग्रुप सी और डी की ज्यादातर नौकरियां आउटसोर्स कर प्राइवेट एजेंसियों को दिया हैं, इसलिए इस आदेश को लागू कर पाना कठिन दिख रहा है.