खुशखबर…देश में आने वाली है कोरोना वैक्सीन की पहली खेप, तैयारी पूरी  

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : कोरोना वैक्सीन के इंतजार की घड़ियां खत्म हो गईं। देश को जिस पल की बेसब्री से प्रतीक्षा थी, वह आज करीब है। पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड  की पहली खेप अगले 48 घंटों में कभी भी दिल्ली पहुंच सकती है। कोवीशील्ड को दिल्ली में राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल  में स्टोरी किया जाना है।
इसके सरकार की ओर से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, देश भर में कोरोना वैक्सीन वितरण नियमावली का पालन किया जाएगा। इसके पहले दिल्ली में राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में वैक्सीन का संग्रहण किया जाएगा।

वहां कुल 4,700 वर्ग फीट के आठ बड़े-बड़े कमरे वैक्सीन स्टोरेज के लिए रिजर्व हैं। यहां से सभी 11 जिलों में ढुलाई के लिए 603 कोल्ड चेन पॉइंट्स तैयार किए गए हैं। देशभर में 28,000 से 29,000 के बीच कोल्ड चेन पॉइंट्स हैं, जिन्हें स्ट्रीमलाइन किया जा रहा है।

गौरतलब है कि देश में कोरोना वैक्सीन की तैयारी चार अलग-अलग कंपनियां कर रही है। कुछ दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जल्द ही देश में कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का ट्रायल काफी पहले चल रहा था और यह वैक्सीन की दौड़ में सबसे आगे है।  ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की मदद से कोवीशील्ड वैक्सीन  विकसित की है। हालांकि, इसके उत्पादन का जिम्मा पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट के पास है जो दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है।

केंद्र ने राज्य सरकारों को साथ लेकर चार महीने पहले ही कोविड टीकाकरण की तैयारियां शुरू कर दी थीं। राज्य, जिला और ब्लॉक लेवल पर टास्क फोर्सेज बनाई गई हैं। मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जा चुकी है जो पूरे देशभर में कोविड टीकाकरण में शामिल वालंटियर्स को ट्रेन करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक, 260 जिलों में 20,000 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग मिल भी चुकी है।

Co-WIN नाम का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है जिससे कोविड-19 वैक्सीन डिलिवरी की रियल-टाइम में मॉनिटरिंग हो सकेगी। इसका मोबाइल ऐप भी डिवेलप किया गया है। हर्षवर्धन ने कहा, “Co-WIN को ऐसे प्लेटफॉर्म की तरह डिवेलप किया गया है जहां वैक्सीन को उसके तापमान के साथ ट्रैक किया जाएगा। यह संभावित लाभार्थी का भी तबतक ब्यौरा रखेगी जब तक उसे दूसरी डोज नहीं मिल जाती और सर्टिफिकेट नहीं जनरेट होता।”

इसके लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा  के अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली। उनका कहना है कि एयरपोर्ट पर वैक्सीन की खेप उतारने से लेकर जरूरत पड़ने पर उसके स्टोरेज की व्यवस्था हो चुकी है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर दो कार्गो टर्मिनल ऐसे हैं जहां -20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर वैक्सीन को स्टोरेज करने की क्षमता है। दिल्ली एयरपोर्ट के सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने बताया,  हम 80 लाख वियाल एक दिन में हैंडल करने की क्षमता रखते हैं।’