महापौर चुनाव में महाविकास आघाडी की झलक,भाजपा की माई ढोरे पिंपरी चिंचवड़ की नई महापौर

पिंपरी। संवाददाता – विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में बने नए समीकरण के अनुसार भले ही शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के महामोर्चा की सरकार स्थापना में अभी समय है, मगर उसका असर पूरे राज्य में अभी से दिखाई देने लगा है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा में शुक्रवार को महापौर चुनाव में भी उक्त दलों की महाविकास आघाडी की झलक नज़र आई। इस चुनाव में शिवसेना के नगरसेवकों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के पलड़े में अपने वोट डालें। हालांकि चुनाव पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ। जैसे उम्मीद थी सत्तादल भाजपा की उषा उर्फ माई ढोरे ने महापौर की कुर्सी पर कब्जा जमाया। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस की स्वाति उर्फ माई काटे को 40 वोटों से हराया।
पुणे के संभागीय आयुक्त डॉ दीपक म्हैसेकर के आदेशानुसार पिंपरी चिंचवड़ मनपा में आज महापौर व उपमहापौर के चुनाव संपन्न हुए। पुणे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त शंतनु गोयल को इस चुनाव का निर्वाचन अधिकारी घोषित किया गया था। आज विशेष सर्वसाधारण सभा में पहले महापौर पद की चुनाव प्रक्रिया पूरी की गई। सत्तादल भाजपा ने उषा उर्फ माई ढोरे को प्रत्याशी घोषित किया था। प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस ने उनके मुकाबले स्वाति उर्फ माई काटे को मैदान में उतारा था। ढोरे को कुल 81 वोट मिले जबकि काटे को 41 वोटों पर संतोष जताना पड़ा। काटे को राष्ट्रवादी के अलावा शिवसेना के नौ में छह नगरसेवकों के वोट भी मिले। इसके बाद उपमहापौर पद की चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई। इस पद के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस के राजू बनसोडे द्वारा नामांकन वापस लिए जाने से भाजपा के तुषार हिंगे निर्विरोध चुने गए। शिवसेना के दो और मनसे व निर्दलीय एक- एक कुल 4 नगरसेवक अनुपस्थित रहे। जबकि मनसे ने तटस्थ रहने की भूमिका अपनाई।
विधानसभा चुनाव के चलते महापौर पद के आरक्षण का ड्रा टल गया था जिसके चलते मौजूदा महापौर राहुल जाधव को अतिरिक्त कार्यकाल मिल सका। यह कार्यकाल 21 नवंबर को समाप्त हो गया। आरक्षण के ड्रा में पिंपरी चिंचवड़ का महापौर पद खुले प्रवर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ है। मनपा में सभागृह में भाजपा के 77, राष्ट्रवादी कांग्रेस के 36, शिवसेना के 9, मनसे के 1 और निर्दलीय 5 कुल 128 नगरसेवक हैं। भाजपा के पास पूर्ण बहुमत रहने से उसी का महापौर और उपमहापौर चुना जाना तय था। हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद से बदले सियासी माहौल के चलते इस चुनाव को लेकर उत्सुकता थी। क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस और शिवसेना की महाविकास आघाडी का नया पैटर्न तैयार हुआ है। इस चुनाव में भी इस नई आघाडी की झलक देखने मिली। शिवसेना के नगरसेवकों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस की प्रत्याशी माई काटे के पक्ष में अपने वोट डाले। जैसे उम्मीद थी भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीत गए।  मगर अब इसके आगे सभागृह में सत्तादल भाजपा का मुकाबला अकेले राष्ट्रवादी कांग्रेस से नहीं बल्कि महाविकास आघाडी के साथ होगा, यह तय है।