नेटफ्लिक्स वेब सीरीज सैक्रेड गेम्स के बाद अब ‘Ghoul’ रिलीज

मुंबई । समाचार ऑनलाइन

नेटफ्लिक्स पर भारत की दूसरी ओरिजिनल वेब सीरीज ‘Ghoul’ रिलीज हो गई है। इसमें राधिका आप्टे और मानव कौल जैसे दमदार एक्टर्स हैं । इस सीरिज में एक्शन, हॉरर और थ्रिलर तीनों है। ये सीरिज अपने नाम की वजह से काफी चर्चा में है। ‘Ghoul’ को हिंदी में क्या लिखा जाए और कैसे लिखा जाए इस बात को लेकर काफी कन्फ्यूजन है। इसे ‘घोल’, ‘घूल’, या ‘ग़ूल”… आखिर क्या लिखा जाएगा। पढ़कर आपको भी अंदाज़ा हो गया होगा कि ये नाम कुछ अटपटा और अपरितिच है। कन्फ्यूजन इस वजह से है क्योंकि Ghoul नाम हिंदुस्तानी नहीं बल्की अरबी है। अरबी साहित्य में ये एक अफसानवी किरदार है और ये ऐसा जीव (भूत और जिन) है जो इंसानी गोश्त खाता है।

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क्या है Ghoul और इसके पीछे की कहानी 

‘असातीर की जमालियात- हिस्सा दोयम’ नाम की किताब में इसके लेखक डॉक्टर शकीलुर्रहमान ने ‘ग़ूल’ किरदार पर विस्तार से लिखा है। शकीलुर्रहमान लिखते हैं कि इस्लाम की आमद से पहले (यानि 570AD से पहले) अरब देशों और मध्य एशिया में किस्सों और कहानियों की बड़ी रिवायत रही है। भूत और जिन से जुड़े किस्से-कहानियां बड़े शौक से सूने जाते थे। ये कहानियां एक इलाके से दूसरे इलाके तक पहुंची। 8वीं सदी में ‘ग़ूल’ का किस्सा अरब और मध्य एशिया के देशों से बाहर आया। भारत में ‘ग़ूल’ का पहला जिक्र अलीफ लैला की कहानियों में मिलता है।

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अरबी कहानियों में ‘ग़ूल’ का खूब ज़िक्र है। ‘ग़ूल’ फरेब और नुकसान पहुंचाने वाली रुहें हैं। ये रुहें बड़े शौक से अपने चेहरे तब्दील करती रहती हैं। अपनी सूरतें बदलती रहती हैं। ‘ग़ूल’ इंसान की सूरत अख्तियार कर सकते हैं और किसी जानवर की भी वो चाहें तो पेड़ पत्थर बन जाए। खंडहर इमारतें इनका घर होता है। आग के अंदर भी रह सकते हैं और जमीन के अंदर भी मन मौजी हैं। बिना किसी वजह के जब चाहें किसी इंसान को सजा दे दें, बीमारी फैला दें। हादसों के भी जिम्मेदार होते हैं।