पुणे में जनरल मोटर्स ने 1419 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

पुणे : दुनिया में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है, पिछले कई दिनों से देश में ढाई लाख से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। कोरोना को रोकने के लिए सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। ऐसे में एक बार फिर से उद्योग धंधे बंद करने का समय आ गया है, साथ ही बेरोजगारी भी बढने की संभावना है। पुणे में इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिला है। जनरल मोटर्स इंडिया ने शुक्रवार को तलेगांव प्लांट के 1419 कर्मचारियों को निकाल दिया है।

इकोनॉमिक्स  टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार जनरल मोटर्स ने पुणे से बाहर तलेगांव में स्थित प्लांट के सभी कर्मचारियों को निकाल दिया है। इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट के सेक्शन 25 के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है। इस निर्णय के विरोध में कर्मचारी युनियन कानूनी चुनौती दे सकती है। तलेगांव प्लांट के इस निर्णय पर कर्मचारी और कंपनी में विवाद भी हो सकता है।

जनरल मोटर्स ने एक ईमेल भेजकर सभी 1419 कर्मचारियों को ले ऑफ नोटिस भेजा है। उसकी एक कॉपी जनरल मोटर्स कर्मचारी युनियन सचिव व अध्यक्ष को भी दी गई है। कंपनी का कहना है कि कर्मचारियों को नियमानुसार नुकसान भरपाई दी जाएगी। उन्हे मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत प्रतिशत भरपाई दी जाएगी।

जनरल मोटर्स के जॉर्ज ने इकोनॉमिक्स टाइम्स से कहा कि कम्पनी ने पिछले 4 महीने से एक भी वाहन तैयार नहीं किया है। फिर भी कर्मचारियों को वेतन दिए। हमने कर्मचारियों को आवश्यकता से ज्यादा सेपरेशन पैकेज का ऑफर दिया है। दुख की बात यह है कि युनियन सेपरेशन पैकेज पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हुए। इसलिए कंपनी को मजबूरी में कानूनी लड़ाई करनी पड़ रही है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि तलेगांव प्लांट में प्रोडक्शन 24 दिसंबर 2020 से ही बंद है। है।कंपनी ने इसकी जानकारी एक साल पहले ही कर्मचारियों को दे दी। साथ ही फिर से उत्पादन शुरू करने की संभावना नहीं है। पिछले 4 महीने में कुछ भी उत्पादन नहीं हुआ है। कर्मचारियो के वेतन पर 10 करोड़ महीने का खर्चा है।