जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा समय पर, एक-एक का मुंह बंद किया शाह ने 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उचित समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021  में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा।

शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35-ए हटाए जाने के बाद घाटी के हालात सुधरे हैं तो इसका एक बड़ा कारण यही है कि वहां आतंकियों, अलगाववादियों और उनके समर्थकों के साथ-साथ पाकिस्तानपरस्त तत्वों पर कसकर लगाम लगाई है। दूसरी सबसे बड़ी बात है कि कश्मीर के हालात सुधारने में सबसे मददगार वहां का वह तबका ही है, जो अमन-चैन के पक्ष में है। इस तबके को प्रोत्साहित करने के साथ उसे और सशक्त भी किया जाना चाहिए। इसलिए वहां विकास की जरूरत है। आतंक पोषित समाज का नहीं, अमन पसंद लोगों की दरकार है। विकास के लिए सबसे बड़ी कड़ी बेरोजगारी दूर करना है।

बेरोजगारों को बरगलाकर आतंकी अपना उल्लू सीधा करते रहे। अब वहां औद्योगिकीकरण की रफ्तार है। जम्मू कश्मीर के उद्योग में सबसे बड़ी बाधा थी कि वहां कोई भी उद्योग लगाना चाहे तो उन्हें जमीन नहीं मिलती थी। 370 हटने के बाद, जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति हुई है कि कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएंगे। Back to Village कार्यक्रम के तहत जम्मू कश्मीर बैंक को 15,000 छोटे छोटे ऋण के मामले दिए गए हैं।

ताजा हालातों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है। प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है। करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है। वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए।
मतदान प्रमाण : अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे। दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था।’

अब ‘राजकाज’ नहीं, राज्य का काज : पहले जम्मू कश्मीर में तीन लोग परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे, इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे। कश्मीर में वर्षों तक शासन करने वाले वे तीन परिवार बताएं कि उन्होंने वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए क्या किया? मैं सदन को गौरव के साथ बताना चाहता हूं कि 17 महीने में हमने जम्मू कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की धनराशि भेज दी है। 75 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 2022 तक 39 अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।