बिजली भविष्य निधि घोटाला मामले में पूर्व एमडी एपी मिश्रा हिरासत में

 

लखनऊ, 5 नवम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाला मामले में मंगलवार को ईओडब्ल्यू ने पूर्व एमडी एपी मिश्रा को हिरासत में लिया है। डीआइजी हीरालाल के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू की टीम मंगलवार को राजधानी स्थित अलीगंज में एपी मिश्रा के आवास पर पहुंची। इसके बाद हजरतगंज थाने की पुलिस ने उन्हें घर से गाड़ी में बैठाया। एपी मिश्रा से पुलिस अफसर अज्ञात स्थान पर पूछताछ कर रहे हैं। सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

भविष्य निधि घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने अपर्णा यू को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक और ऊर्जा सचिव के पद से हटा दिया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे एम़ देवराज को अब सचिव ऊर्जा और प्रबंध निदेशक का दायित्व सौंपा गया है। अपर्णा यू को सिंचाई एवं जल संसाधन का सचिव बनाया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस घोटाले में जल्द ही यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार भी हटाए जा सकते हैं। वे ट्रस्ट के चेयरमैन हैं।

सूत्रों के मुताबिक भविष्य निधि घोटाले को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन के रवैये से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा नाराज हैं। ऐसे में उन्होंने मामला सामने आने के बाद जहां पहले सीबीआइ जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा वहीं अब संबंधित वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।

ईओडब्ल्यू की टीम ने सोमवार को जेल भेजे गए यूपीपीसीएल के पूर्व निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और यूपीपीसीएल ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता से जेल में पूछताछ की थी। इसके बाद शक्ति भवन से ईओडब्ल्यू की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे। कहा जा रहा है कि डीएचएफएल में निवेश को मंजूरी देने में जो भी जिम्मेदार हैं उन पर शिकंजा कसने की तैयारी है। अब एपी मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य अधिकारियों पर भी जांच की आंच पहुंच सकती है।

उधर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने भविष्य निधि घोटाले के विरोध में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन और 18 नवंबर से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करने का फैसला किया है।

ज्ञात हो कि एपी मिश्रा यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी रहे हैं। इन्हें मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है। 2012 में अखिलेश सरकार बनते ही किसी आईएएस की जगह एक इंजीनियर एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल का प्रबंध निदेशक बनाया गया था। मिश्रा पूर्वाचल व मध्यांचल के भी एमडी रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद तीन बार सेवा विस्तार भी मिला था।