‘इस’ कारण पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने खटखटाया उच्च न्यायालय का दरवाजा

मुंबई : भ्रष्टाचार आरोप के अंतर्गत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है। साथ ही सीबीआई की ओर से किसी भी जबरदस्ती के कर्रवाई से सुरक्षा मिले, इसकी मांग की है।

भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के आधार पर सीबीआई ने 21 अप्रैल को अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। इसके बाद उन्होने देशमुख के मुंबई, नागपुर के विविध 10 जगहो पर छापेमारी करते हुए महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं। इसके विरोध में अनिल देशमुख ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दर्ज किया है। जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। इस याचिका पर इस सप्ताह में जज एस एस शिंदे और मनीषा पितले की खंडपीठ के सामने सुनवाई होने की संभावना है।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंग ने अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली का टार्गेट देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उसके बाद परमबीर सिंग और एड जयश्री पाटिल द्वारा दायर किए गए याचिका पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इसके अनुसार सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू किया है। रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उच्च न्यायालय ने 15 दिन का समय दिया था। इसके बाद सीबीआई ने अवधि बढ़ाने का निवेदन किया था।