पूर्व क्रिकेटर वसीम ज़ाफर पर मुस्लिम खिलाडियो को प्रधानता देने का आरोप

पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम ज़ाफर ने हाल ही में उत्तराखंड क्रिकेट संघ के प्रशिक्षक पद से इस्तीफा दिया है। उत्तराखंड क्रिकेट संघ के पदाधिकारियो से हुए विवाद के बाद यह कदम उठाया। पदाधिकारियो ने वसीम ज़फर पर धर्म आधारित टीम चुनने का आरोप लगाया है। इस आरोप का वसीम ज़फर ने खंडन किया है।

जाफर के अनुसार माहिम वर्मा ने मीडिया में आरोप लगाया कि मैं मुस्लिम खिलाडियो को प्रधानता देने का आरोप लगाया है। उनके इस आरोप से मुझे बहुत दुख हुआ है। 42 वर्षीय ज़ाफर भारत के लिए 31 मेच खेले हैं। क्रिकेट जगत में ज़ाफर एक बडा नाम है। माहिम वर्मा उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव हैं। इस्तीफे में ज़ाफर ने लिखा है कि मेरे उपर जो पक्षपात का जो आरोप लगा है उस से मैं बहुत दुखी हूँ। टीम सेलेक्शन में इकबाल अबदुल्ला को प्रधानता देने का आरोप लगाया गया है जो पूरी तरह से निराधार है।

जाफर ने कहा कि मुझे जय बिश्ट को कप्तान बनाना था लेकिन रिज़वान शमशाद और चयन समिति के अन्य सदस्य ने इकबाल को कप्तान बनाने का ऑप्शन दिया। वो संघ के वरिष्ठ खिलाडी हैं। इसलिए उनकी सलाह से मैं सहमत हो गया। उनहोने मौलवी की बात को भी नकार दिय। देहरादून में शिविर के दौरान दो से तीन शुक्रवार मौलवी आये थे लेकिन मैंने उन्हे नही बुलाया था। इकबाल ने शुक्रवार को प्रार्थना के लिए मेरी और संघ के प्रबंधको से इज़ाज़त ली थी। ट्रेनिंग के बाद प्रर्थना हुई थी। ऐसे में इसे मुद्दा क्यो बनाया जा रहा है वो मुझे समझ नहीं आ रहा है।