बिहार में बाढ़ से स्थिति भयावह, 25 लाख लोग प्रभावित

पटना (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन –बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है। नेपाल के तराई इलाके और उत्तर बिहार में बारिश के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ का संकट और गहरा गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 12 जिलों के 78 प्रखंडों के 555 पंचायतों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे 25 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 25 लोगों की मौत हो गई है जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं। बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है, जबकि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर में भी वृद्घि दर्ज की गई है।

वीरपुर बैराज के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक सुबह छह बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.53 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था जो आठ बजे बढ़कर 1.68 लाख क्यूसेक पहुंच गया।

इधर, वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक नदी स्थिर बनी हुई है। यहां आठ बजे गंडक का जलस्तर 92,900 क्यूसेक था।

जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने आईएएनएस को मंगलवार को बताया कि बागमती नदी ढेंग, सोनाखान, डुबाधार व बेनीबाद में, जबकि कमला बलान नदी भी झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अधवारा, ललबकईया और महानंदा नदी भी कई स्थानों पर खतरों के निशान को पार कर गई है।

राज्य में शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चपांरण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार आर पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है जबकि कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार को बताया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, दरभंगा में है। प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव के लिए 125 मोटरबोट को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 26 टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात की गई हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1़16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं।