उप्र में छात्रों में स्वेटर वितरण में लापरवाही पर एफआईआर दर्ज

कानपुर, 13 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में तापमान जमाव-बिंदु पर पहुंच चुका है, लेकिन राज्य के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को अभी भी स्वेटर मिलना या तो बाकी है, या फिर ऐसे स्वेटर वितरित किए गए हैं जो पहले से ही खस्ताहाल हैं। इस मामले में कानपुर के एक फर्म और उसके संचालक पर राज्य के सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों में नि:शुल्क स्वेटर के वितरण में लापरवाही बरतने के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है।

एफआईआर में फर्म और उसके संचालक पर आईपीसी की धारा 186, 406, 420, 467, 468 और 471 लगाई गई है।

यह एफआईआर लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अमर कांत सिंह ने कानपुर के फर्म और उसके संचालक अशोक कुमार सुरेखा के खिलाफ वजीरगंज पुलिस थाने में दर्ज कराया है।

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फर्म ने 16 अगस्त, 2019 को लखनऊ जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक हाईस्कूलों के 186040 छात्रों को स्वेटर वितरण के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के माध्यम से अपनी बोली लगाई थी।

उन्होंने कहा कि सबसे कम बोली लगाने के कारण टेंडर फर्म को दी गई थी और 16 नवंबर, 2019 को खरीद आदेश जारी किया गया था।

फर्म को 1 दिसंबर, 2019 तक वितरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई रीमाइंडर भेजे गए, लेकिन वह प्रक्रिया पूरी करने में असफल रहे।

अधिकारी ने कहा, फर्म ने मात्र 44,649 छात्रों के लिए स्वेटर वितरित किए, जो कि आवंटित कार्य का मात्र 24 प्रतिशत था। साथ ही फर्म ने सरकारी धन का दुरुपयोग भी किया है।

उन्होंने कहा कि छात्रों को अन्य फर्म के माध्यम से स्वेटर उपलब्ध कराए गए।

बीएसए ने लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश को स्वेटर वितरण को पूरा न करने के बारे में अवगत कराया, जिसके बाद प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया।

वजीरगंज पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर दीपक दुबे ने कहा कि पुलिस ने फर्म के संचालक को दस्तावेज पेश करने और उसके बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था, लेकिन अभी तक वह पेश नहीं हुआ है।

दुबे ने कहा कि अगर वह जल्द पेश नहीं होते हैं तो संचालक को गिरफ्तार किया जा सकता है।