ठाणे में भाजपा के 17 नगरसेवकों के खिलाफ एफआईआर

ठाणे : कोरोना काल में नवंबर 2020 में ऑनलाइन महासभा के दौरान सभागृह के बाहर इकट्ठा होकर ऑफलाइन महासभा कराने की मांग करते हुए नारेबाजी करने के मामले में भाजपा के 17 नगरसेवको का खिलाफ शुक्रवार को एफआईआर किया गया। भाजपा के पार्टी नेता मनोहर डुंबरे ने फुट ओवर ब्रिज निर्माण पर शिवसेना पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर शिवसेना ने उनके खिलाफ मानहानि का दावा भी किया। डुंबरे के ऑफिस में घुस कर प्रदर्शन और नारेबाजी करने के मामले में शिवसेना के सात नगरसेवक के साथ ही 40 पदाधिकारियों के खिलाफ पहले ही भाजपा ने एफआईआर दर्ज कराया था। उसी की पृष्ठभूमि पर यह कार्रवाई की गई है।

भाजपा के जिन नगरसेवको के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उसमे पार्टी नेता डुंबरे, संदीप लेले, सुनील जोशी, कृष्णा पाटिल, अर्चना मनेरा, मिलिंद पाटणकर, संजय वाघुले, मुकेश मोकाशी, भरत चव्हाण, प्रतिभा मढवी, मृणाल पेंडसे, नंदा पाटिल, आशा शेरबहादूर सिन्ह, नारायण पवार, स्नेहा आंब्रे, दीपा गायकवाड का नाम शामिल है। महाराष्ट्र पुलिस कानून की धारा 37 (3) के अनुसार व भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार और महामारी कानून की धारा 3 व 4 के अनुसार मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही डुंबरे के खिलाफ शिवसेना पार्टी नेता दिलीप बारटक्के ने मानहानि का दावा किया है।

कुछ दिन पहले भाजपा ने शिवसेना के 7 नगरसेवकों के साथ 40 पदाधिकारियों पर नौपाडा पुलिस थाने में धारा 188 के अनुसार मामला दर्ज किया था। अब शिवसेना ने भाजपा के नगरसेवको के खिलाफ एफआईआर करवाया है। 20 अक्टूबर को हुए ऑनलाइन महासभा के दौरान इस महासभा को ऑफलाइन करने की मांग के लिए नरेंद्र बल्लाल सभागृह के बाहर इकट्ठा आकर हाथ में बैनर लिए नारेबाजी कर आंदोलन किया। इसके बाद नवंबर महीने में हुए महासभा के दौरान भी इसी तरह का अंदोलन किया गया था। ऐसा एफआईआर में लिखा गया है। पिछले वर्ष नवंबर में कोरोना के कारण भीड़ जमा न करे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे, आदि के नियम होने के बाद भी नगरसेवको ने इसका उल्लंघन किया।

यह बदले की राजनीति है। हमने जब आंदोलन किया था तब कोरोना के मरीजों में कमी आयी थी। इसलिए नियमों में ढील दी गई थी। उस समय किसी भी कार्यक्रम में 200-300 लोग जमा हो सकते थे। लेकिन अभी की स्थिति अलग है। नवंबर में किए गए प्रदर्शन का अभी एफआईआर करना अनुचित है। अभी तक सत्ताधारी शिवसेना सोई हुई थी क्या? मानहानि के दावे का उत्तर हम अदालत में देंगे।

मोहन डुंबरे, पार्टी नेता, भाजपा