बेजान हो रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए, आज वित्तमंत्री कर सकती हैं कई बड़े ऐलान!  

दोपहर दोपहर 2.50 बजे करेंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन- पिछले कुछ समय से देश की आर्थिक व्यवस्था कछुआ चाल की तरह आगे बढ़ रही है, जिसका नकारात्मक प्रभाव देश के हर सेक्टर में देखा जा रहा है. कई इंडस्ट्रीज घाटे के दौर से गुजर रही हैं, जिसके चलते कोईं अपने शटर डाउन कर रही है तो कोई वर्कर्स को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा ऑटो मोबाइल सेक्टर प्रभावित हो रहा है. नतीजतन इन सभी वजहों के चलते महंगाई दर बढ़ती जा रही है. बेरोजगारी का आंकड़ा भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. देश की GDP भी पहले की तुलना में कम हो गई है. अब इसे नियन्त्रण में लाने के लिए मोदी सरकार पर दबाव की स्थिति निर्मित हो गई है, जिससे उबरने के लिए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अर्थव्यवस्था से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं करने जा रही है.

आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगी बड़े ऐलान !

PIB ने एक ट्वीट कर यह जानकरी दी है कि आज दोपहर 2.50 बजे, नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें वित्तमंत्री सीतारमण कई अहम ऐलान कर सकती हैं. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन अहम फैसलों में ऑटोमोबाइल, एनबीएफसी, बैंकिंग, रियल एस्टेट तथा अन्य सेक्टर्स से संबंधित निर्णय शामिल हों सकते हैं.

गौरतलब है कि जारी मंदी को खत्म करने के मकसद से वित्तमंत्री पहले भी कुछ घोषणाएं कर चुकी हैं, लेकिन लगता नहीं कि उनका कोई प्रभावी असर हो पाया है. आज यह देखना होगा कि वित्त मंत्री की घोषणाएं किस हद तक देश की ठंडी पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने का काम कर सकती है.

मनमोहन सिंह ने आर्थिक संकट के लिए मोदी सरकार की नीतियों को ठहराया था जिम्मेदार            

बता दें कि काफी अनुभवी अर्थशास्त्री माने जाने वाले पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने भी सरकार को चेताया था कि वे खबरों में रहने के लिए अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ ना करें. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट शब्दों में कहा था कि केंद्र सरकार की नोटबंदी और GST जैसी नीतियों के कारण ही अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. लेकिन सरकार इस सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि देश की अर्थव्यवस्था संकट में है.

साथ ही उन्होंने आर्थिक संकट से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय भी बताए थे, जिनमें रोजगार के अवसर उत्पन्न करना, ग्रामीण खपत बढ़ाने और कृषि को पुनर्जीवित करना व GST को तर्क संगत करना आदि शामिल है.

विरोधी दल भी कर रहें है सरकार की आलोचना

यहीं नहीं अन्य विरोधी दल भी बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था के लिए मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. यहाँ तक की देश के एक बड़े बैंक के मुखिया भी बोल चुके हैं कि सरकार की बड़ी-बड़ी आर्थिक घोषणाएं सरकार के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकती हैं.