नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन– केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल (30 अगस्त) देश के सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की गई थी; जिसके अंतर्गत 10 बैंकों का विलय 4 बड़ी बैंकों में किया जाएगा. इसके बाद सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 हो जाएगी. लेकिन बैंकों की विलय प्रक्रिया कब से शुरू होगी, इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
हाल ही में सीतारमण ने कहा कि, सरकारी बैंकों के प्रस्तावित विलय की प्रक्रिया तय समय के अनुसार ही आगे बढ़ रही है. बैंकों के विलय को लेकर कोई अनिश्चितता नहीं है. सबकुछ तय समयसीमा के अनुसार ही आगे बढ़ रहा.
बता दें कि हाल ही में हुई समीक्षा बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने यह जानकारी दी है.
इन बैंकों का होगा विलय
सरकार के निर्णयानुसार ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय पंजाब नेशनल बैंक में और सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा. यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा.
ग्राहकों पर पड़ने वाला असर…
>> ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर ID इशू हो सकता है.
>> ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिल सकते हैं. साथ ही नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में भी जानकारी अपडेट करवानी होगी.
>> SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.
>> बैंक नया चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी कर सकता है.
>> फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा.
>> ग्राहकों ने जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा.
>> कुछ शाखाएं बंद होने की संभावना.
>> मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा.