Film Review : नरेंद्र मोदी की संघर्ष की कहानी हैं फिल्म ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’

फिल्म – पीएम नरेन्द्र मोदी
कास्ट – विवेक ओबेरॉय,मनोज जोशी
निर्देशक – उमंग कुमार
जॉनर – बायॉग्रफी
स्टार – 3 स्टार

मुंबई : समाचार ऑनलाइन ( असित मंडल ) – तमाम विवादों के बाद आखिरकार फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ आज रिलीज की गई। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद हर तरफ-तरफ मोदी-मोदी के नारे गूंज रहे है। लोगों ने रियल पीएम मोदी और उन्हें कामों को बहुत पसंद किया है। यह मोदी के जीत से साफ़ हो गया है। अब बारी है उन्हें बॉयोपिक पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की। क्या लोग उन्हें पसंद करेंगे। फिल्म की रिलीज को लेकर फिल्म पहले से विवादों में फंसती रही है अब आख़िरकार फिल्म को रिलीज किया गया। फिल्म में विवेक ओबेरॉय नरेंद्र मोदी के रोल में नज़र आ रहे है। ये शुरुवाती समय है फिल्म को लेकर लोगों का मिला जुला रिएक्शन मिल रहा है।

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फिल्म की कहानी –

नरेंद्र मोदी के बचपन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की कहानी कहती इस फिल्म की कहानी की शुरुआत 2013 की बीजेपी की उस बैठक से होती है, जिसमें नरेंद्र मोदी (विवेक ओबेरॉय) को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जाता है। उसके बाद फिल्म फ्लैशबैक में चली जाती है, इस फिल्म को 3-4 भागों में दिखाया गया है। जब मोदी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे। मोदी के पिता चाय की दुकान करते थे, तो मां घरों में बर्तन मांजती थीं। थोड़ा बड़ा होने पर नरेंद्र ने अपने घरवालों से संन्यासी बनने की इजाजत मांगी, तो घरवालों ने उन्हें शादी के बंधन में बांधने की सोची, लेकिन नरेंद्र ने शादी से पहले ही घर छोड़ दिया। हिमालय की चोटियों में अपने जीवन का उद्देश्य तलाशने के बाद नरेंद्र ने बतौर आरएसएस वर्कर गुजरात वापसी की और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

फिल्म में दिखाया गया है कि मोदी किस तरह संघर्ष कर गुजरात के सीएम से लेकर भारत के पीएम तक पहुंचते है।  फिल्म में मोदी की जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं से भी रूबरू कराती है। फिल्म को सत्य घटनाओं से प्रेरित बताया गया है, लेकिन विवादों से बचने के लिए शुरुआत में लंबा-चौड़ा डिस्क्लेमर दिया गया है।  महज सवा दो घंटे में मोदी की कहानी को सधे हुए अंदाज में समेटा गया है। फर्स्ट हाफ में फिल्म की कहानी मोदी के बचपन से लेकर गुजरात दंगों तक जाती है, तो सेकंड हाफ में उनके भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर दिखाया गया है।

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मजबूत कड़ी –

फिल्म के सेकंड हाफ में पीएम मोदी की रैली और उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले के सफर पर फोकस किया गया। इस दौरान दिखाए गए पीएम मोदी के भाषण में विवेक ने अपनी भाषा को बखूबी पकड़ा और उन्हीं के अंदाज में स्पीच दी। इसके लिए विवेक को एक्स्ट्रा मार्क्स दिए जा सकते हैं। एक्टर्स ने जहां फिल्म के साथ न्याय करने की पूरी कोशिश की। फिल्म के कुछेक डॉक्युमेंट्री जैसे सीन्स को छोड़ दें, तो पूरी फिल्म आपको बांधकर रखती है। फिल्म की लोकेशंस खूबसूरत बन पड़ी हैं। खासकर हिमालय में फिल्माए गए सींस की सिनेमैटॉग्राफी जबर्दस्त है। फिल्म का संगीत कहानी को गति देता है, तो बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा है।

कमजोर कड़ी –

पीएम मोदी की जिंदगी कई उतार-चढ़ावों से भरी रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी जिंदगी में कई विवाद भी रहे। फिल्म दोनों का संतुलन नहीं रख पाई।फिल्म की कहानी इसके क्रिएटिव प्रड्यूसर संदीप सिंह ने लिखी है, तो स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स राइटिंग में विवेक ओबेरॉय को भी क्रेडिट मिला है। प्रोस्थेटिक मेकअप कराने वाले विवेक काफी हद तक मोदी का लुक अपनाने में कामयाब हुए हैं, तो उन्होंने मोदी की आवाज भी कॉपी करने की पूरी कोशिश की है तो कई-कई कोई मेल नहीं दीखता। फिल्म हर पहलु में फिट नहीं बैठती है। शायद कारण बहुत कम समय में फिल्म बनाना भी हो सकता है।

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एक्टिंग –

एक्टिंग की अगर बात करें तो विवेक ओबेरॉय ने ठीक-ठाक एक्टिंग की है, लेकिन पूरी फिल्म में ये बहुत इंप्रेसिव नहीं रही। वहीं उनका लुक भी पीएम मोदी से मिलता-जुलता दिखाने की भरसक कोशिश की गई। अमित शाह के रोल में मनोज जोशी भी जंचे हैं। फिल्म के डायलॉग जोरदार हैं, तो स्क्रीनप्ले और स्क्रिप्ट भी कसी हुई है।

डायरेक्शन –

फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी को मशहूर डायरेक्टर ओमंग कुमार ने डायरेक्ट किया है। ये उनकी पहली बायोपिक नहीं है, वे इससे पहले मैरी कॉम और सरबजीत जैसी उम्दा फिल्में दे चुके हैं। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी में वे अपना जादू नहीं उस तरह नहीं चला पाए। हालांकि फिल्म को लेकर मिला जुला प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कोई फिल्म को बहुत अच्छा मान रहे है तो कोई इसमें कमियां ढूंढ रहे है।

 

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नरेंद्र मोदी की संघर्ष की कहानी अगर आप परदे पर देखना चाहते है तो जरूर सिनेमाघरों का रुक करें। पीएम मोदी के फैन हैं तो आपको ये फिल्म पसंद आएगी। हालांकि फिल्म में बहुत अच्छे कंटेंट आपको नहीं मिलेंगे। फिल्म की लोकेशंस खूबसूरत बन पड़ी हैं। खासकर हिमालय में फिल्माए गए सींस की सिनेमैटॉग्राफी आपको बहुत पसंद आएगी। पुणे समाचार की ओर से फिल्म ”पिएम नरेन्द्र मोदी’ को 3 स्टार दिए जाते है।