बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए न कि गन का संदेश देती है फिल्म ‘नोटबुक’

पुणे : समाचार ऑनलाइन (असित मंडल ) – फिल्म नोटबुक आज रिलीज हो गई। फिल्म में जहीर इकबाल और प्रनूतन बहल हैं। फिल्म में जहीर का नाम कबीर है ,जो एक एक्स आर्मी अफसर के रोल में हैं जो टीचर के तौर पर एक स्कूल में जॉइन करते हैं जहां उन्हें पुरानी टीचर फिरदौस (प्रनूतन बहल) की डायरी मिलती है। जैसे- जैसे वो उस डायरी को पढ़ते हैं वैसे वैसे वो फिरदौस से प्यार करने लगते हैं। फिल्म के दोनों लीड कैरेक्टर ने एक दूसरे को देखा नहीं है।

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फिल्म की कहानी –
अगर फिल्म की कहानी की बात करें तो कश्मीर की समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है। घाटी में बच्चों और नौजवानों को बरगला कर बन्दूक उठाने पर मजबूर करने वालों के ख़िलाफ़ लगातार कोशिशें जारी हैं और उसी कड़ी में फिल्म नोटबुक भी जुड़ जाती है। फिल्म की कहानी और उसका संदेश कश्मीर के उन परिवारों के लिए है, जो बताता है कि बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए न कि गन। फिल्म नोटबुक की कहानी कश्मीर की एक झील के बीचों बीच बने वूलर पब्लिक स्कूल की है। कबीर और फिरदौस की। बिना बिजली, पानी और मोबाइल के नेटवर्क के बीच इस स्कूल में कभी एक टीचर यानि फिरदौस बच्चों को घर से बुला बुला कर पढ़ाती थीं और उनके चले जाने के बाद एक सर यानि कबीर को वहां भेजा जाता है। बच्चों की कॉपी-किताबों के साथ वहां एक नोटबुक होती है जो मैडम टीचर वहां छोड़ जाती हैं। बस उसी नोटबुक के सहारे कबीर को फिरदौस से प्यार हो जाता है और बाद में फिरदौस को कबीर से। दोनों ने एक दूसरे को देखा भी नहीं होता।

नोटबुक साल 2014 में आई थाई फिल्म टीचर्स डायरी का हिंदी एडाप्टेशन है। सलमान खान ने नोटबुक के जरिये अपने दोस्त के बेटे जहीर इकबाल और जानी मानी अभिनेत्री नूतन की ग्रैंडडॉटर प्रनूतन बहल को बॉलीवुड से इंट्रोड्यूस किया है।

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डायरेक्शन –
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। फिल्म की शूटिंग कश्मीर में हुई है और झील के बीच में बना ये स्कूल बहुत खूबसूरत लगता है। वहीं फिल्म के डायरेक्टर नितिन कक्कड़ ने अपना काम बेहतर तरीके से किया है। उन्होंने कई दृश्यों को बहुत खूबसूरती से दर्शाया है। लेकिन फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले कमजोर हैं। जहां फिल्म का पहला हिस्सा ठीक है वहीं इसके दूसरे हिस्से को जबर्दस्ती खींचा गया है खासतौर पर क्लाइमेक्स से पहले वाले हिस्से को। फिल्म में कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में भी बताया गया है लेकिन उसे भी अच्छी तरह काम नहीं किया गया, जिसकी जरूरत नहीं थी।

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एक्टिंग –
यह पहली बार है जब सलमान खान द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्म में दो नए सितारे हैं। एक्टिंग की बात करें तो दोनों निराश नहीं करते। दोनों ने बेहतरीन तरीके से अपने काम को किया है। दोनों को देखकर यह नहीं लगता कि दोनों नए एक्टर हैं और यह उनकी पहली फिल्म है। सबसे अच्छी बात यह है कि स्क्रीन पर दोनों ज्यादा समय एक- दूसरे से अलग होते हुए भी अच्छी कैमिस्ट्री शेयर करते हैं। वहीं फिल्म के चाइल्ड एक्टर्स ने भी अपने रोल को अच्छी तरह निभाया है। इसके अलावा सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी अपने रोल के साथ न्याय किया।

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कश्मीर के हालात में बच्चों की शिक्षा जोर दिये जाने और उन्हें आतंक के अंधेरे में धकेले जाने से रोकने का ये सन्देश नोटबुक को सराहनीय बनाता है। इस फिल्म को पुणे समाचार की ओर से 3 स्टार दिए जाते है।